जगेंद्र हत्याकांड: फॉरेंसिक जांच पूरी, तेज होगी तफ्तीश

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rammurti vrmaa jogendr spaaशाहजहांपुर:पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड में फॉरेंसिक जांच पूरी हो गई है। डीजीपी के संज्ञान लेने से फॉरेंसिक जांच रफ्तार से चली। वहीं सियासी दांवपेंच में ही हत्याकांड की गाज पुलिस के कई अधिकारियों पर गिरी।

सोशल मीडिया से जुड़े रहे पत्रकार जगेंद्र एक जून को पुलिस दबिश के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में झुलस गए थे। नौ जून को पत्रकार जगेंद्र ने लखनऊ के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। परिजनों ने अंत्येष्टि करने से इन्कार करने पर राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा समेत छह नामजद एवं चार अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हो सका। मामला हाइप्रोफाइल होने से शासन ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए तो अत्याधुनिक उपकरणों से लैस विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. श्याम बिहारी उपाध्याय, संयुक्त निदेशक डॉ. रजी ने मौके पर पहुंचकर कई अहम तथ्य जुटाए। इससे पूर्व बरेली, मुरादाबाद, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने नमूने लिए थे। सूत्रों के मुताबिक फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट पूरी हो चुकी है। हालांकि फॉरेंसिक यह अभी पुलिस प्रशासन को हासिल नहीं हुई है। इतना तय है कि रिपोर्ट के बाद पुलिस की तफ्तीश तेजी पकड़ेगी। पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया कि फॉरेंसिक जांच तेजी से कराने को उन्होंने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था। दो दिन में रिपोर्ट मिल जाएगी।

एलआइयू इंस्पेक्टर का तबादला

हत्याकांड में फजीहत झेलने के बाद सरकार ने यादव अधिकारियों को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया है। दरअसल समूचे घटनाक्रम के लिए एक पक्ष सपा के ही स्थानीय कद्दावर यादव नेता को जिम्मेदार ठहराने में जुटा हुआ है। उसने घटनाक्रम का ठीकरा सपा के यादव नेता के सिर फोड़ दिया। अपर पुलिस अधीक्षक आसाराम यादव, अभिसूचना अधिकारी अभयराम यादव की मौजूदगी में राज्यमंत्री के खिलाफ केस दर्ज होने से ही आरोप सरकार को सच प्रतीत हुए। समूचा घटनाक्रम सपा के एक नेता के इशारे पर होने की बात भी हाईकमान को बताई जा रही है। एलआइयू इंस्पेक्टर अभयराम यादव को फतेहपुर भेज दिया गया है। पुलिस एवं प्रशासन के कई बड़े अधिकारियों पर भी तबादले की गाज गिर सकती है।

मैनेज करने की बात पर भड़के परिजन

शनिवार को खुटार में धरने पर बैठे जगेंद्र के परिजनों के पास पहुंचे एक अधिवक्ता व एक अन्य व्यक्ति ने मामले को निपटाने की बात कही। यह सुनकर जगेंद्र के परिजन भड़क गए। मारपीट की नौबत आ गई तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने दोनों को बचाकर भेजा। हालांकि धरनारत परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी। उधर कलेक्ट्रेट में पत्रकारों का धरना शनिवार को भी जारी रहा।