आईजी के क़ानूनी दाबपेंच में फंसे कोतवाल व दरोगा

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ig ashutosh pandey.jpg1फर्रुखाबाद:आईजी आशुतोष पाण्डेय ने जिस समय आईपीसी की धाराओ को धारा प्रभाव बोलना शुरू किया तो शहर कोतवाल आर पी यादव सहित कोतवाली के सभी दरोगा भारतीय दंड संहिता को पलटते नजर आये| जिस पर आई जी ने कहा की पुलिस के लिये आईपीसी गीता, कुरान, बाईबल से कम नही होनी चाहिए| जिस तरह लोग प्रतिदिन धर्मिक ग्रंथो का पाठ करते है उसी तरह पुलिस को भी समय निकलकर आईपी सी को पढना चाहिए|

श्री पाण्डेय ने कोतवाली पंहुचकर दरोगा व शहर कोतवाल का टेस्ट लेना शुरू किया तो सभी दांतों तले उंगलिया दबा गये| उन्होंने एक विवेचना को लेकर आईटीआई चौकी किशन कुमार गुप्ता, तिकोना चौकी इंचार्ज नरेन्द्र कुमार गौतम, रेलवे चौकी इंचार्ज इन्द्रपाल सिंह, पल्ला चौकी इंचार्ज राजेन्द्र प्रसाद यादव, पांचालघाट चौकी इंचार्ज राजेन्द्र सिंह यादव, आवास विकास चौकी इंचार्ज डीसी कुमार, फतेहगढ़ कोतवाल अनूप तिवारी के साथ साथ शहर कोतवाल राजेश्वर सिंह से पूंछा कि धारा 457 में कितने वर्ष की सजा है| तो फतेहगढ़ कोतवाल अनूप तिवारी ने बताया की इस धारा में आरोपी को सात साल की कैद होती है| अनूप तिवारी के जबाब से आईजी संतुष्ट नही हुये| उन्होने मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक विजय यादव और कोतवाल राजेश्वर सिंह को आईपी सी पढने को कहा| आई जी के सामने एसपी व कोतवाल ने पढ़कर बताया की धारा 447 में 14 वर्ष की सजा है| लेकिन एक परिस्थित में सात वर्ष की सजा भी होती है| उन्होंने दरोगाओं को कानून की किताब पढ़ने की हिदायत दी| फ़िलहाल कोई भी धाराओ के विषय में आईजी को सटीक उत्तर नही दे पाया|

उन्होंने कहा दरोगा अपनी हेकड़ी के दम पर पीड़ित को दूर भगाना चाहता है| दरोगाओ को आईपीसी को पढना चाहिए| श्री पाण्डेय ने जेएनआई को बताया की वह रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को मोहम्दाबाद कोतवाली का निरिक्षण करेगे|