तो क्या मनरेगा कार्यों में हुई जाँच की भी होगी जाँच !

Uncategorized

maniफर्रुखाबाद: विकास खंड कायमगंज के ग्राम मुडौल में प्रधान रंजना तिवारी के विरुद्ध मनरेगा कार्यों में गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।जिसमे डीएम के आदेश पर सोशल आडिट टीम मनरेगा की जांच कर रही थी। लेकिन टीम द्वारा की गयी जाँच में भी मिलाबट की बू आ रही है| ग्रामीणों ने लडाई आये तक ले जाने का फैसला किया है|

मनरेगा कार्यों में गंभीर आरोप लगने पर डीएम ने बीते चार मार्च को पंचायत सेक्रेटरी को निलंबित कर जांच के आदेश दिये थे। जिसकी जाँच आडिट टीम में एसडीएम कायमगंज बीडी वर्मा, सहायक अभियंता लोकनिर्माण विभाग महिपाल सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी विमला देवी कर रहे थे| आरोप है की जाँच को लेकर अधिकारियो ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसमे पूर्व प्रधान के कार्यो को वर्तमान प्रधान का कार्य दिखाकर जाँच में मिलाबट की जा रही है| वही जाँच टीम का कहना है की जाँच में अनिमिताये पायी गयी है|

मामले के सम्बन्ध में जाँच टीम के आगे बीते 23 फरवरी को जमकर मारपीट हुई थी| उस दौरान आडिट टीम के कोआर्डीनेटर अभिषेक कुमार ने बताया था कि विवाद से पूर्व आडिट का अधिकांश काम निपटा लिया गया था। जिसमें भारी गड़बड़ियां पायी गयीं। मनरेगा के 4 कामों में से केवल 1 में काम होना पाया गया। उसमें भी मिट्टी के कार्य को मजदूरों के बजाय जेसीबी से कराया गया। जिसके लिए रिकवरी की रिपोर्ट भेजी जा रही है। लेकिन अभी तक रिकवरी नही की गयी|

पूर्व में ही गाँव के मनरेगा मजदूर राम सिंह पुत्र खेम करन, मास्टर पुत्र महेश्वर, कैलाश पुत्र रामदास, ज्ञान चन्द्र पुत्र हरभान सिंह, विनोद पुत्र रामदास, रामोतार पुत्र हीरालाल सहित तकरीबन एक दर्जन मनरेगा मजदूरो ने शपथ पत्र देकर शिकायत की थी की उन्होंने काम नही किया और उनके जाब कार्ड से पैसे निकाला लिये गये|

इसके साथ ही ग्रामीणों ने विभाग से प्रधान रंजना देवी के पांच साल का आय -व्यय का व्योरा माँगा था| जिमसे इन्दिरा आवास, समाजवादी पेंशन, भारत निर्मल योजना के अन्त्रर्गत पूर्व प्रधान के द्वारा खातो में छोड़ी गयी धन राशि, गाँव में कुल जाब कार्ड की संख्या, तालाब की सफाई कराने में खर्च वजट, सिवाला एवं मेथा की खेती की कुल धनराशि , वीपीएल कार्ड की सही जानकारी सम्बन्धित दस मामलो पर आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गयी लेकिन ग्रामीणों को केबल मनरेगा के विषय में ही जानकारी दी गयी| अन्य किसी घपले का खुलासा ना हो जाये इस लिये प्रधान, सचिव व विभाग जानकारी देने को किसी भी कीमत पर तैयार नही है|