सपा सरकार का नया नारा, पूरे हुए वादे अब नये इरादे

Uncategorized

akhilesh-dimpalलखनऊ: सत्ता के चौथे वर्ष में दाखिल होने जा रही समाजवादी सरकार ‘पूरे हुए वादे, अब नये इरादे’ नारे के साथ बचे हुए दो सालों में निर्धारित लक्ष्य हासिल करने में जुटेगी। सरकार के नये इरादों का खुलासा 15 मार्च को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर सकते हैं, इसकी तैयारी कमोवेश पूरी हो गयी है।

अखिलेश यादव ने 15 मार्च 2012 को सत्ता संभाली थी। गवर्नेंस के बाद कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सवालों के सलीब, लोकसभा चुनाव में शिकस्त फिर विधानसभा के उपचुनावों में भारी जीत के उतार-चढ़ाव भरे दौर के बीच सोमवार को चौथे साल में दाखिल होने जा रही सरकार तीन सालों में किए गए विकास कार्यों का ब्यौरा 78 पेज की बुकलेट में लिपिबद्ध करा रही है। जिसके मुख्य पेज पर सरकार का नया नारा-‘पूरे हुए वादे अब नये इरादे’ नजर आयेगा। हालांकि बुकलेट में ‘बन रहा आज, संवर रहा है कल’ का भी इस्तेमाल है।

तीन सालों की उपलब्धि में चार शहरों में मेट्रो, पयर्टन, बिजली, आइटी सिटी निर्माण के क्षेत्र के कार्यों का प्रमुखता से बखान किया गया है। इसके साथ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, मजदूरों को घर निर्माण के लिये एक लाख की मदद, पंजीकृत मजदूरों की मृत्यु पर पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की योजना का प्रमुखता से उल्लेख होगा। तीन साल के ब्यौरे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ‘विकास पुरुष’ साबित करने का प्रयास भी नजर आएगा है।

सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि राज्य सरकार ने पांच साल में पूरे होने वाले वादे तीन साल में ही पूरे कर दिये हैं। सरकार ने मौजूदा वर्ष को ‘किसान वर्ष’ के रूप में मनाने का फैसला लिया है। 30 महत्वपूर्ण विभागों से 85 योजनाओं का 20 फीसद लाभ अल्पसंख्यकों को दिये जाने के फैसले पर अमल शुरू हो गया है। चौथे साल में सरकार का मुख्य फोकस विकास पर रहेगा। रोजगार, किसान, अल्पसंख्यक और महिलाओं के लिए योजनाएं लायी जाएंगी।

चौधरी का कहना है किशिक्षामित्रों को परिषदीय स्कूलों में समायोजित किया गया है। बड़ी संख्या में भर्ती हो रही है। 108 समाजवादी एम्बुलेंस और 102 एम्बुलेंस सेवा के साथ बिजली, पानी और सिंचाई पर खासा जोर दिया जा रहा है। राज्य प्रगति के पथ पर बढ़ा है। हालांकि सरकार के सामने किसान आयोग के गठन, अल्पसंख्यकों को अलग से आरक्षण देने, गरीब बुनकरों को मुफ्त बिजली, सुरक्षा बलों में मुसलमानों की भर्ती के विशेष प्रावधान तथा कक्षा 10 पास करके अगले दर्जे में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का वायदा पूरा करने की चुनौती है।