पीडव्लूडी में डंप है मनरेगा का लाखों का बजट

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प्रांतीय खंड में अधिशासी अभियंता की तैनाती:

फर्रुखाबाद: दो माह से लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के खातों पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है। विभगीय कार्य तो प्रभावित हो ही रहे हैं, मनरेगा के अंतर्गत मिली धनराशि भी डंप पड़ी है, और बेरोजगारों को काम भी नहीं मिल सका है। इधर कार्यवाहक अधिशासी अभियंता आरके तिवारी को प्रांतीय खंड का नियमित चार्ज मिल गया है, व निर्माण खंड का अतिरिक्त चार्ज उनको दिया गया है।

विदित है कि लगभग 57 लाख रुपये के भुगतान न किये जाने के विरोध में कुछ ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका की थी। याचिका में न्यायालय ने ठेकेदारों के भुगतान करने के आदेश दिये थे। न्यायालय का आदेश न माने जाने पर न्यायालय ने विभागीय खातों पर रोक के आदेश जारी कर दिये। इस बात को लगभग दो माह हो चुके हैं। अभी तक विभाग द्वारा न तो ठेकेदारों को भुगतान किया गया है व न ही न्यायालय ने खातों पर रोक के आदेश वापस लिये हैं। स्थिति यह है कि विभागीय ठेकेदार तो देर सवेर भुगतान की आस में जैसे तैसे काम करवा भी रहे हैं, परंतु चूंकि मनरेगा में प्रति सप्ताह श्रमिकों को भुगतान करना पड़ता है इस लिये मनरेगा के कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं। विभागीय कार्य भी चूंकि ठेकेदारों के रहमो करम पर हो रहे हैं, सो इनमें भी विभागीय अधिकारी गुणवत्ता के बिंदु पर ठेकेदारों से कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं हैं।

अधिशासी अभियंता आरके तिवारी ने बताया कि न्यायालय की शरण में गये ठेकेदारों का भुगतान काफी पुराना व उनके कार्यकाल से पहले का है। भुगतान नियमानुसार अब तक हो जाना चाहिये था। इस संबंध में शासन व विभागीय उच्चाधिकारियों को बजट व भुगतान के लिये अनुमति  देने के लिये लिखा जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिलाधकारी की ओर से भी पत्र लिखवाया जा चुका है। प्रकरण के शीघ्र निस्तारण की आशा है।