स्टेट बैंक से 64 लाख गबन में प्रधानचार्य व कैशियर सहित तीन आरोपीयो को सजा

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Pramod Shakya1फर्रुखाबाद: बीते आठ दिसम्बर 011 को फर्रुखाबाद भारतीय स्टेट की रेलबे रोड शाखा से फर्जी चेको के जरिये 64 लाख रूपये गबन कर दिये गये| जिसमे अदालत ने बैंक कैशियर व कालेज प्रबंधक सहित तीन लोगो को सजा सुनाई है|

घटना में आरोपी बैंक कैशियर दिनेश मेहलोत्रा को धारा 406 में दो वर्ष की कैद और दस हजार रुपये जुर्माना ना जमा करने के स्थित में तीन माह की अतिरिक्त सजा, इसके साथ ही साथ उन्हें अदालत ने 420 , 120 बी , 411 , 66 / ७० में आरोप सिद्ध ना होने पर दोष मुक्त कर दिया| वही मुख्य आरोपी अभिलाष गुप्ता निवासी जेएनबी रोड व उसके साथी लालबहादुर सिंह इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य प्रमोद शाक्य को धारा 420 में तीन वर्ष की कैद व बीस हजार रुपये जुर्माना ना जमा करने पर 6 माह अतिरिक्त की सजा,धारा 120 बी में दो वर्ष की सजा व दस-दस हजार रुपये जुर्माना जमा ना करने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद, धारा 411 में दोषी पाये जाने दो वर्ष की सजा और बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गयी है|
क्या थी घटना ……….

भारतीय स्टेट बैंक फर्रुखाबाद के एक खाते में पहले झांसी से एक ट्रेजरी एकाउंट से 64 लाख रुपये अपने एक दोस्त के खाते में ट्रांसफर कराने के बाद जालसाज ने आठ-आठ लाख रुपये के आठ चेंकों के माध्यम से सारे पैसे निकाल लिये। जिस जेएनवी रोड निवासी अभिलाष गुप्ता ने यह कारनामा अंजाम दिया वह इसी बैंक में वर्षों से कंप्यूटर का सामान सप्लाई करता चला आ रहा था। मजे की बात है कि बैंक से एक ही दिन में एक ही व्यक्ति आठ किस्तों में 64 लाख रुपये निकालता रहा और कैशियर से ले कर बैंक मैनेजर तक किसी के माथे पर एक बल तक नहीं आया। शाखा प्रबंधक भ्रगवान दास ने अभिलाष गुप्ता व उसके मित्र /संबंधित खाता धारक अरविन्द वर्मा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करायी थी। पुलिस ने अभिलाष गुप्ता के पिता केके गुप्ता, अरविन्द वर्मा व उसकी पत्नी मिथिलेश वर्मा को हिरासत में लेकर पूंछताछ शुरू कर दी|

पुलिस हिरासत में बैठे कादरीगेट निवासी अरविन्द वर्मा पुत्र मदनलाल वर्मा ने बताया था कि उससे जेऍनवी रोड निवासी दोस्त अभिलाष गुप्ता ने कहा कि उसका पैसा आने वाला है, लेकिन वह पैसा उसके खाता में नहीं आ सकता इसलिए वह अरविन्द के खाते में पैसा मंगवायेगा। यह खाता संख्या 11058732243 अरविन्द वर्मा व उसकी पत्नी मिथिलेश का सयुंक्त खाता है जो करीब ५ माह से बंद पडा था। अरविंद ने बताया कि चूंकि उसके खाते में मात्र 1500 रुपये पड़े थे, सो उसने अभिलाष को अपनी ब्लैंक चेक बुक पर हस्ताक्षर करके अभिलाष को देदी। अरविंद के अनुसार यह बात लगभग पांच माह पुरानी है।

अरविन्द ने बताया कि वह तो इस बात को भूल भी चुका था। आज अपराह्न लगभग साढ़े तीन बजे स्टेट बैंक के मैनेजर भगवान दास ने इस बात की जानकारी उनके आवास पर पहुंच कर दी।बैंक मैनेजर की तहरीर पर पहुँची कोतवाली पुलिस ने मास्टर माईंड अभिलाष गुप्ता के पिता केके गुप्ता, अरविन्द वर्मा व उसकी पत्नी मिथिलेश को पूंछतांछ के लिए कोतवाली ले आई थी
बैंक प्रबंधक भगवान दास ने बताया था कि यह पैसा झांसी ब्रांच से एक ट्रेजरी एकाउंट से ट्रांसफर हुआ है। इस संबंध में वह बैंक प्रबंध झांसी से बात कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि झांसी ब्रांच का कहना है कि पैसा गलती से ट्रांसफर हो गया है। उन्होंने बताया कि झांसी ब्रांच में अभिलाष गुप्ता के विषय में काफी छानबीन करायी गयी है। परंतु झांसी शाखा में अभिलाष का न तो कोई रिकार्ड है व न ही उसे कोई उस ब्रांच में जानता है।

बैंक प्रबंधक की ओर से दी गयी तहरीर में प्रथम दृष्टया कई बड़े सूराख हैं जो दूर से ही नजर आ रहे हैं। पहला तो यही कि एक मृतप्राय बैंक खाते में अचानक 64 लाख रुपये आ गये वह एक ही दिन में उसमें से आठ-आठ लाख रुपये की निकासी एक दो नहीं आठ बार हुई, वह भी दो चार माह में नहीं एक ही दिन में वह भी मुश्किल से तीन घंटे के भीतर, और किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। बैंक कैशियर डीसी महलोत्रा से लेकर बैंक प्रबंध भगवान दास तक किसी ने इस पर हैरानी नहीं जतायी थी