सवाल? आखिलेश राज: क्या मोटी रकम और सैफई से फ़ोन आने पर दीपक गुप्ता को पुलिस ने छोड़ा!

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rupeeफर्रुखाबाद: एक तरफ अखिलेश सरकार पुलिस को दुरुस्त करने का प्रयास कर रही है तो वही दूसरी तरफ उन्ही की खाकी उसके प्रयास में बट्टा लगाने में उतारू है| बीती रात पुलिस ने हत्या के प्रयास व सरकारी कार्य में बाधा का मुकदमा लिख होंडा एजेंसी के मालिक को गिरफ्तार किया उसी आरोपी को पुलिस ने मोटी जेब गरम कर छोड़ दिया| जिसकी पुरे दिन चर्चा होती रही| मजे की बात यह है की पुलिस ने आरोपी पर लगाई गयी हत्या के प्रयास की धारा भी हटा दी गयी| फ़िलहाल पुलिस इस सम्बन्ध में कुछ बोलने को तैयार नही है|

बीते दिन फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के एआरटीओ कार्यालय में तैनात कर्मचारी पंकज मिश्रा पुत्र राजेन्द्र प्रकाश मिश्रा ने कोतवाली पुलिस को जानकारी दी थी की शनिवार को वह अपने कार्यालय में पंजीयन लिपिक के सहयोग से पंजीयन प्रमाणपत्र निकलवा रहे थे| तभी हीरोहांडा शोरुम बढ़पुर के मालिक दीपक गुप्ता कार्यालय का ताला खुलबाकर अन्दर आ गये और सभी कर्मचारीयो के साथ गालीगलौज करने लगे| देखते ही देखते वह हाथापाई पर भी उतर आये| उनके साथ उनके कुछ अज्ञात साथी असलाहे लेकर आये और जान से मारने की नियत से फायर झोक दिया| आक्रोशित दीपक गुप्ता ने पांच पंजीयन प्रमाण पत्र भी फाड़ दिये| घटना को अंजाम देने के बाद दीपक अपने साथियो के साथ फरार हो गये| कर्मचारी पंकज ने घटना की सूचना पुलिस को दी| पुलिस ने दीपक की तलाश में उनके बढ़पुर स्थित शोरुम पर दबिश दी और दीपक को गिरफ्तार कर लिया| पुलिस ने कर्मचारी पंकज की तहरीर पर आरोपी दीपक गुप्ता के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, हत्या के प्रयास सहित अन्य कई संगीन धाराओ में मुकदमा दर्ज कर लिया| कोतवाल फतेहगढ़ कुबर बहादुर सिंह ने एआरटीओ कार्यकाल पंहुच कर पूंछतांछ की| पंकज के अनुसार आरोपी दीपक ने दो दिन पूर्व फोन पर जान से मारने की धमकी भी दी थी|

घटना के बाद खुद एआरटीओ ने कोतवाली जाकर दबंग दीपक गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की सिफारिश की| पुलिस ने मौके पर पंहुच कर जानकारी भी की उसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया| पुलिस ने दीपक को होंडा के शोरुम से गिरफ्तार किया था| तभी से पुलिस के अंदर मोटा मुर्गा देखकर मुंह में पानी आ रहा था| इसी लिये पुलिस ने उस दबंग को मिडिया के सामने तक लाना उचित नही समझा| देर रात तक सिफ़ारिश व मोटी रकम बसुलने का खेल चलता रहा| जिसके बाद पुलिस ने जब अपने मन मुताबिक बसूली कर ली तो बाद में आरोपी पर लगायी गयी हत्या के प्रयास की धारा हटाई गयी और सरकारी कर्मचारी पर जानलेवा हमला करने के आरोपी को बाइज्जत मुचलके पर छोड़ दिया|
किस किस ने ली जमानत
कोतवाली फतेहगढ़ पुलिस ने अपनी घुसखोरी पर पर्दा डालते हुए मुचलके का सहारा दिलाया| दीपक गुप्ता की जमानत सौरभ पुत्र विनोद निवासी हाता शब्दल खां व अनिल पुत्र रामकिशोर निवासी बजाजा बाजार फतेहगढ़ ने ली| वही दीपक गुप्ता को पुलिस के छोड़ने पर एआरटीओ कार्यालय के कर्मचारी व खुद एआरटीओ में रोष व्याप्त हो गया है|
सैफई से फोन आने पर एक पैर पर नाची पुलिस
जिस समय दीपक गुप्ता को पुलिस गिरफ्तार कर के ले गयी थी तो उसे गुप्त स्थान पर रखा गया था| सूत्र बताते है की उसी दौरान सैफई से किसी असरदार नेता ने फोन किया तो पुलिस एक पैर पर नाचने लगी| जिसके बाद दीपक को जेब गरम कर छोड़ा गया| कोतवाल फतेहगढ़ ने बताया की उन्हें उन्हें मेडिकल ग्राउंड में अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया गया है|
एआरटीओ देवमनी भारतीय ने बताया की पुलिस का यह रबैया रास नही आया है| आज उनके कर्मचारी को जान से मारने की कोशिश की गयी और पुलिस ने उसी छोड़ दिया| कल को वह उनपर भी जान लेवा हमला कर सकता है| इस सम्बन्ध में वे जिलाधिकारी से भेट करेगे| [adrotate group=”1″]