29 दिसम्बर को तय हो सभी थानेदारों का भविष्य

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uppकानपुर:प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर 29 दिसंबर को मुख्य सचिव की प्रेस कांफ्रेस की सूचना आते ही पुलिस अधिकारियों के पेशानी पर बल पड़ गए हैं। प्रदेश के सभी जिलों से 23 दिसंबर तक डीजीपी कार्यालय में क्राइम ग्राफ की रिपोर्ट तलब की गई है जो सिपाहियों व थानेदारों का भविष्य तय करेगी।

29 दिसंबर को होने वाली वीडियो कांफ्रेस के जरिए प्रदेश के जिलों में होने वाली हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म, सांप्रदायिक तनाव, गुडवर्क, लापरवाह पर कार्रवाई जैसे 18 बिंदुओं पर चर्चा होनी है। कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा करने वाले कानपुर, मेरठ, उरई, आगरा, बिजनौर,फर्रुखाबाद व अलीगढ़ पर समीक्षा के दौरान विशेष नजर रहेगी। यह सभी जिले साल भर आपराधिक घटनाओं व संप्रदायिक तनाव के चलते सुर्खियों में रहे हैं। शहर का मेडिकल कालेज कांड, घाटमपुर में चौकी फूंकने के बाद संप्रदायिक तनाव, बर्रा में बैंक डकैती, कल्याणपुर में वाणिज्यकर सहायक आयुक्त पर जानलेवा हमला, चौबेपुर में संप्रदायिक तनाव के साथ हत्या युक्त डकैती समेत लूट व वाहन चोरियों की बढ़ती घटनाओं में खुलासा तो दूर सुरागरसी तक न हो पाना पुलिस अफसरों के लिए गले की हड्डी बन गई है।

पुलिस डीजीपी कार्यालय से मांगी गई सूची में अपनी कमी छिपाने के लिए गुडवर्क व अधिकतर घटनाओं में किसी न किसी की गिरफ्तारी दिखा बचने का तरीका खोज रही है। ज्योति हत्याकांड का खुलासा और उरई में दो बहनों की फर्जी हत्या के बाद तनाव के खुलासा को पैरवी के लिए तैयार किया गया है। पुलिस महकमे में इस वीडियो कांफ्रेस के बाद थानेदारों से चौकी प्रभारियों पर गाज गिरने के कयास लगाये जा रहे हैं।