श्रीनगर: भीषण बाढ़ से तबाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस भयावह घड़ी में पूरा देश जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ है। ये राष्ट्रीय स्तर की आपदा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को एक हजार करोड़ बतौर मदद देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य के लिए गुजरात और महाराष्ट्र से बोट मंगाए गए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख कंबल की व्यवस्था की जा रही है। 5 हजार टेंट लगाने का काम जारी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पिछले 50 साल में पहली बार इतनी भयंकर बाढ़ आई है। केंद्र यहां के हालात पर राज्य सरकार के संपर्क में है। आर्मी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ मिलकर राहत और बचाव के कार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लेह और लद्दाख में भारी क्षति हुई है। वहां भोजन और दूसरी जरूरत की चीजें पहुंचाना चुनौती है।उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कहा कि बाढ़ में मृतक के परिजनों को दो लाख रुपए और जख्मी लोगों को 50 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही पीओके के हालात पर उन्होंने कहा कि भारत पीओके के लोगों की भी मदद करेगा।
दूसरी तरफ गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात पर नजर रखने के लिए श्रीनगर और दिल्ली में कंट्रोल रूम बनाया गया है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सूबे को 1000 करोड़ की मदद देने पर आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने भयानक बाढ़ से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में बचाव अभियान शुरू कर दिया है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अबतक कुल 850 बचावकर्मियों को उतारा गया है। एक सी-17 ग्लोबमास्टर विमान त्वरित कार्रवाई चिकित्सा दल (आरएएमटी) के साथ दिल्ली से अवंतीपुर भेजा गया है, और दो आईएल-76 विमान चिकित्सा आपूर्ति और नौकाओं के साथ पालम वायुसेना अड्डे से श्रीनगर के लिए भेज दिया गया है। वायुसेना के कई विमानों को अभियान में लगाया गया है। वायुसेना के कुल 26 हेलीकॉप्टर राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अभियान में लगे हुए हैं।