बेसिक शिक्षा में धन उगाही चरम पर- एनओसी के लिए 15000 रूपये रिश्वत का रेट खुला

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corruptionफर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा की हर दहलीज पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है| बड़े साहब को पैसा पहुचने के लिए छोटे साहब को पैसा वसूलने की जिम्मेदारी निभानी पड़ती ही है| ताजा मामला ये है कि जूनियर में गणित और विज्ञानं में नौकरी के लिए काउंसलिंग कराने वाले उन शिक्षको से रिश्वत मांगी गयी है जिन्हें एक नौकरी छोड़ कर दूसरी पकडनी है| ये बात और है कि उन्हें उसी विभाग में रिश्वत देनी पड़ेगी जिसमे वो वर्तमान में नौकरी कर रहे है|

बुधवार को एक ऐसे ही शख्स से बेसिक शिक्षा कार्यालय में मुलाकात हो गयी| बेचारा धूप के साथ साथ नयी परेशानी में था| मंगलवार को उसके एक परिजन ने गणित शिक्षक के लिए काउंसलिंग कराई थी| वो परिजन बेसिक शिक्षा में प्राइमरी में ही वर्तमान में अध्यापक है| अब प्राइमरी से जूनियर में जाने के लिए उसे प्राइमरी की नौकरी छोडनी है और इसके लिए उसे उसी कार्यालय से एनओसी भी चाहिए जहाँ उसे जमा करनी है|
भूख ज्यादा होने पर डायन अपने ही बेटे को खा जाती है
एन ओ सी के लिए उससे 15000 रुपये की मांग की गयी है| जरा कुरेदा तो नई खबर निकल आई| ये पूछने पर कि इश्वत किसके माध्यम से माँगा गया है| तो पता चला कि काउंसलिंग के दौरान कुछ उन संविदा शिक्षको ( इन्तिनिरेट ) को जरिया बनाया गया है जिनकी संविदा तो समाप्त हो चुकी है मगर उन्हें काउंसलिंग में सहायता के लिए बुलाया गया था| अब रिश्वत बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में माँगा गया है| बीएसए भगवत पटेल के नाम पर माँगा गया है| और उस समय माँगा गया है जब भगवत पटेल दफ्तर में मौजूद थे और माध्यमिक के शिक्षक उन्हें गरिया रहे थे| कम से कम उन शिक्षको से तो रिश्वत न मांगी जाती जो उन्ही के अंग है| कहावत है कि डायन भी सात घर छोड़ देती है यहाँ तो खुद का ही घर था| बेसिक शिक्षा में दूसरी कहावत लागू होती है- भूख ज्यादा होने पर डायन अपने ही बेटे को खा जाती है|
वैसे भी जिले में इन दिनों रिश्वत के रेट बढ़ गए है| वसूलने वालो के पास अच्छा बहाना है- डीएम साहब बहुत सख्त जो है|
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