विशेष- ऊपरी कमाई के चक्कर में डायट के अफसरों ने बर्बाद की शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट

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फर्रुखाबाद: जब कोई काम आसानी से न हो रहा हो समझ लेना चाहिए कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है| शिक्षक भर्ती में मेरिट लिस्ट के गड़बड़झाले में भी भ्रष्टाचार/ऊपरी कमाई का लालच ही जुड़ा है| सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फार्मो को ऑनलाइन करने की जिम्मेदारी डायट को दी गयी| एससीआरटी ने निर्देश दिया कि जो फार्म की फीस अभ्यर्थीओ द्वारा दी गयी है उसमे से कुछ अंश फार्मो को ऑनलाइन करने में खर्च कर दिया जाए| ज्यादातर डायट में फार्म को फीड करने का काम बहुत ही घटिया तरीके से अनियमित होकर कराया गया और गलतिया होनी ही थी| कोई वेंडर या टेंडर काल नहीं किया गया| अधिकतर काम डायट पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बी टी सी प्रशिक्षार्थियों से ये काम मुफ्त में कराया गया| कुछ डायट कर्मियों और अफसरों के रिश्तेदारो ने निपटाया| तजुर्बेदार वेंडर कॉल नहीं किये गए| उसी का नतीजा 72000 शिक्षको की भर्ती में शामिल हुए आवेदक भुगत रहे है| कहीं साइट नहीं खुल रही और जब खुली तो एक भी आवेदन सही नहीं निकल रहा|

डायट के एक विशेष जानकार सूत्र के मुताबिक फार्मो की डेटा फीडिंग के कार्य से धन पैदा करने के लालच में ये गलतिया हुई है| पैसा खूब था| खर्च भी किया गया मगर ये पैसा काम की गुणवत्ता को ध्यान में न रखते हुए अधिक से अधिक ऊपरी कमाई का जरिया डायट के कर्णधारो के लिए बन गया| एटा से लेकर सीतापुर तक और गोंडा से लेकर गौतम बुद्ध नगर तक गलतियों की भरमार है| संशोधन के प्रत्यावेदन जमा करने के लिए करोडो रुपये आवेदक अब किराये में खर्च कर डायट डायट ऐसे घूम रहा जैसे कोई तीर्थ यात्रा पर निकला हो| मगर इससे पहले वो अपने आवेदन तलाश करने में मई हवन हुआ जा रहा है| वह से उत्तर प्रदेश की सरकार और उसकी गुड गवर्नेंस|
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