आगे नहीं बढ़ रही फाइल- किताब घोटाले में जाँच की रिपोर्ट में बीएसए और बीआरसी के नाम

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corruptionफर्रुखाबाद: बच्चो को निशुल्क बटने वाली पुस्तको के घपले घोटाले की पुरानी फाइल खुली तो मगर जाँच रिपोर्ट तक ही सीमित रह गयी लगता है| न कोई ऍफ़आईआर और न कोई अग्रिम कार्यवाही| आखिर जनता का धन लूटा गया था किसी अफसर या नेता का नहीं| वर्ष 2007 में हुए किताब घोटाले में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी राघवेन्द्र बाजपेयी और बी आर सी नवाबगंज रिटायर शिक्षक महेंद्र वर्मा जाँच रिपोर्ट में दोषी पाये गए है|

सरकारी धन के दुरूपयोग/गबन का भी आरोप रिपोर्ट में है मगर ये रिपोर्ट है कि आगे बढ़ती नहीं| आखिर क्या जिलेमें चल रही जाँच रिपोर्टो में कुछ खास निकालने की तैयारी चल रही है| वैसे भी गबन और भ्रष्टाचार युक्त मनुष्य दूधारू गाय की तरह है जितनी बार चाहे दुह लो| निपटाने या कार्यवाही के बाद क्या ख़ाक मिलेगा| जेएनआई को मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार जाँच रिपोर्ट में तीन लोग लगभग 7.5 लाख रुपये की पुस्तक घोटाले के दोषी पाये गए है| उसी वर्ष नवाबगंज में कबाड़े के गोदाम में सरकारी किताबे एस डी एम ने जनता की सूचना पर पकड़ी थी| और नवाबगंज थाने में ऍफ़ आई आर लिखी गयी थी| मजे की बात ये है कि पकड़ी गयी किताबे अदालती सम्पत्ति है जो बिना किसी सील मुहर के नरेंद्र सरीन स्कूल में बंद कर दी गयी और समय रहते उनकी संख्या गाठति चली गयी|
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