केंद्र ने प्रदेश सरकार को दिया, ‘तगड़ा झटका’

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डेस्क: केंद्र ने सर्व‌ शिक्षा अभियान के लिए राज्य द्वारा मांगे गए धन से इनकार कर राज्य सरकार को तगड़ा झटका दिया है। केंद्र ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश से भेजे गए प्रस्ताव पर कैंची चला दी है। राज्य सरकार ने 13,477 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन मात्र 8,742 करोड़ की ही मंजूरी मिली है।

प्रदेश में 1546 प्राथमिक और 198 उच्च प्राथमिक स्कूल खोलने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। केंद्र ने कहा है कि पूर्व में स्वीकृत स्कूलों का निर्माण पूरा कराया जाए, इसके बाद नए स्कूलों के प्रस्ताव पर विचार होगा।

पुराने स्कूलों में छात्रों व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय तथा अतिरिक्त क्लास रूम बनाने की मंजूरी दे दी गई है। केंद्र ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय में हुई प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक का विवरण जारी कर दिया है।
दिये थे 270.62 करोड़ रूपये
सर्व शिक्षा अभियान से मिलने वाले पैसे को बेसिक शिक्षा पर खर्च किया जाता है। केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत वित्त वर्ष 2014-15 में सिविल वर्क के लिए 270.62 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

इसमें 6475 अतिरिक्त क्लास रूम के लिए 223.91 करोड़, छात्राओं के 1271 शौचालय के लिए 8.89 करोड़, छात्रों के 2047 शौचालय के लिए 14.32 करोड़, 3257 हैंडपंप के लिए 4.88 करोड़ तथा निशक्त बच्चों के लिए रैंप बनाने को 1.66 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

आउट ऑफ स्कूल बच्चों को प्रशिक्षण के लिए 12.17 करोड़ की मंजूरी मिली है। इसी तरह परिषदीय और संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त किताब देने के लिए 199.60 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत 1,76,31,831 छात्र-छात्राओं को मुफ्त यूनिफॉर्म देने के लिए 705.27 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। निशक्त बच्चों को शिक्षित करने के लिए 49.23 करोड़ तथा शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की सामग्री तैयार करने के लिए 10.62 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
नहीं खुलेंगे नए कस्तूरबा बालिका विद्यालय
प्रदेश में नए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोलने की भी मंजूरी नहीं मिली है। पीएबी बैठक के विवरण में कहा गया है कि प्रदेश में 63 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का निर्माण नहीं हो सका है, इसका निर्माण शीघ्र पूरा किया जाए। इसी तरह प्राइमरी स्कूलों में रखे जाने वाले नए शिक्षकों के वेतन को मंजूरी नहीं दी गई है। मानसिक विमंदित बच्चों को घर पर शिक्षा देने के प्रस्ताव पर भी सहमति नहीं बन पाई है।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मियों का नया मानदेय तय कर दिया गया है।

वार्डन का मानदेय 25,000 रुपये, फुल टाइम शिक्षक का 20,000, पार्ट टाइम शिक्षक का 5,000, लेखाकार का 10,000, चौकीदार व चपरासी का 5000, प्रमुख रसोइया का 6000 और सहयोगी रसोइया का 4500 रुपये मानदेय तय किया गया है। हालांकि, पार्ट टाइम शिक्षक का मानदेय अभी 7200 रुपये मिल रहा है। पार्ट टाइम शिक्षकों ने मानदेय घटाकर 5000 रुपये किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में वाद दाखिल किया था और फैसला उनके पक्ष में आया है। अब इस पर राज्य सरकार को निर्णय करना है।
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