फर्रुखाबाद: नवान्तुक जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह चौहान ने जिले का चार्ज लेने के बाद मंगलवार को पत्रकार वार्ता के लिए पत्रकारों को आमंत्रित किया| जिसने सुना चेहरा दिखाने जरूर पंहुचा| जिलाधिकारी ने परिचय के साथ जब संबंधित अखबार के पत्रकार से जिले में उस अख़बार का सर्कुलेशन पूछ दिया तो एक बारगी को पत्रकारों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी| वो तो भला हो कि दो पत्रकारों से ये सवाल पूछने के बाद सिलसिला आगे नहीं बढ़ाया|
वैसे आमतौर पर किसी भी बड़े अधिकारी की जिले में प्रवेश के साथ ही मीडिया के साथ जान पहचान बनाने और अपनी प्राथमिकता बताने के लिए पत्रकार वार्ता का दौर होता है मगर किसी पत्रकार को नीचा दिखाने के लिए उसके अख़बार का सर्कुलेशन पूछा जाना पहली बार देखने को मिला| सर्कुलेशन यानि की प्रसार की जरुरत विज्ञापन के समय पड़ती है| खबरों को शेयर करते समय नहीं| खैर तेवर जताने के लिए साहब का सवाल अच्छा है मगर आने वाले दिनों में अपनी गिनाई प्राथमिकता कितना अमल कर पाते है ये सवाल पत्रकारों के पूछने का होगा और तब सर्कुलेशन बताने की जरुरत नहीं पड़ेगी| ये तो वैसे ही हुआ जैसे कोई पत्रकार पूछ देता कि डायरेक्ट आईएएस हो या पीसीएस से प्रमोशन मिला है|
नए नवेले आये चौहान साहब के पिछले दो दिनों में तेवर तो ऐसे दिखे है जैसे अच्छे दिन बहुत जल्दी आ जायेंगे| चार्ज लेते ही सबसे पहले लोहिया अस्पताल में छापा मारा| मीडिया की मौजूदगी में तमाम कमिया गिनाई| कार्यवाही करने के लिए लाल पीले हुए मगर दूसरे दिन भी लोहिया अस्पताल का हाल पहले दिन जैसा ही रहा| बदला कुछ नहीं| साहब खाद्य एवं रसद विभाग के उच्च पद से जिले में जिलाधिकारी बतौर आये है| मंगलवार को भी पीसीऍफ़ के गोदाम पर रोज की तरह घटतौली हुई, कोटेदारों ने चावल गेंहू गोदाम पर ही बेचा| हालाँकि साहब ने पत्रकारों को अपनी प्राथमिकता में गिनाया कि जिले में प्राथमिक शिक्षा और राशन वितरण प्रणाली को सुधारना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता रहेगी|
किसी अख़बार का जिले में सर्कुलेशन 100-50 भी हो सकता है और किसी का 28-30 हजार भी| इसका मतलब यह कतई नहीं कि कम सर्कुलेशन वाले अख़बार में खबरे नहीं छपती और ज्यादा सर्कुलेशन वाला पम्पलेट नहीं बन सकता| सवाल तो अब डीएम साहब को अपनी प्राथमिकता पर देना होगा| यहाँ के जादूगर कोटेदारों से निपटना होगा जो 2 लीटर की बोतल में 3 लीटर तेल भर देते है| जिले का सबसे बड़ा राशन माफिया सपा का रिश्तेदार है| हाल ही में हुए चुनावो में कोटेदारों ने प्रत्याशी के लिए भीड़ जुटाने वाले वाहनो में तेल भरा है| साहब चुनौतियाँ बहुत है इसलिए जरा ठंडा ठंडा कर छाज पीजिये|
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