लोहिया अस्पताल में बोरे की तरह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सिलते है घायल मरीज

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lohiya asptalफर्रुखाबाद : जनपद में निजी अस्पतालों का हाल तो भगवान ही जानता होगा | उससे कई जादा खराब स्थित लोहिया अस्पताल की है डाक्टर मन मुताविक ही मरीज देखते है | घायल व कटे फटे मरीजो को शिलने की जिम्मेदारी वार्ड बॉय की है lohiya asptal 2डाक्टर इसमे हाथ भी नही लगता और बार्डवॉय के माध्यम से मरीजो की जान से खिलवाड़ कर घायलों के टांके आदि जंग लगे औजारों से लगाये जाते है |lohiya asptal 4 मजे की बात तो यह की अक्सर जब वार्डवॉय घायल के टांके लगता है तो उस दौरान सक्षम डाक्टर मौके पर तक मौजूद नही होता है | तब यह लगता है की मरीज को जीवन दिया जा रहा है या मौत ?

शायद इन्ही कारणों से सपा की लोक सभा में बुरी तरह हार हुई वह फर्जी की कहते रहे की उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना दिया है लेकिन हकीकत कुछ और है जो जनता भली भाति जानती है और मुसीबत से दो चार होती है ताजा मामले में बीती रात यही कुछ देखने को फिर मिला राजेपुर के गढ़िया के निकट मोटरसाईकिल सबार महेश घायल हो गया और जीजा साले की मौर हो गयी | महेश निवासी पंथी शेरामऊ दक्षिण शहजंहापुर की हालत भी गंभीर थी | उसका भेजा बुरी तरह फटा था बुरी तरह खून वह रहा था | लेकिन उनका परिजन साथ नही था महेश को देख कर लगता था की वह कुछ समय में ही दुनिया छोड़ देगा | इतना गम्भीर मरीज छोड़ कर आपात कालीन डियूटी पर तैनात डॉ बीबी पुष्कर मौके से जेब में हाथ डाल कर वाहर निकल गये और घायल के सर को सिलने का काम ड्यूटी पर तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के जिम्मे कर दिया गया |

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने अपने अधिकारी का आदेश मानते हुए पहले एक इंजेक्शन ठोक दिया और बाद में जंग लगे औजारों से मरीज महेश का सर सिलना शुरु किया तो मौके पर मौजूद लोग लोहिया ही बदहाल व्यबस्था को कोसते नजर आये | डॉ बीबी पुष्कर ने सर्जन को भी बुलाने की जहमत नही उठाई | यह कल का ही नही रोज का काम है और मरीजो के साथ खिलबाड़ किया जा रहा है | पहले तो झंझट से बचने के लिए मरीजो को रिफर करने की भी पुरानी परम्परा है और समय भी नष्ट नही होता है |
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अशोक कुमार मिश्रा ने बताया की घटना के सम्बन्ध में जाँच कराकर कार्यवाही की जाएगी |