फर्रुखाबाद: चुनावो पर कड़ी निगरानी के लिए वीडियोग्राफी करने के दौरान टीम के अफसर को कैमरे के आगे आकर सम्बन्धित विडियो पर कमेंट रिकॉर्ड करना होगा| जिस नेता, कार्यक्रम या चुनावी सभा की रिकॉर्डिंग होगी उसके सम्बन्ध में विडियो के अंत में अफसरों को अपनी टिपण्णी अंत में रिकॉर्ड करनी होगी| कितना खर्चा अनुमानित लग रहा है, क्या क्या बाटा गया, कितनी भीड़ थी बगैरह बगैरह| अफसर अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकेंगे| अफसर अब टीवी एंकर की भूमिका में नजर आयेंगे| यही नहीं चुनाव आयोग के इस निर्देश के बाद अफसरों को किसी नेता को सपोर्ट करना मुश्किल भी हो जायेगा क्योंकि विडियो तो पत्रकार भी बना रहे होंगे| कुछ कम ज्यादा हुआ और शिकायत में फसे तो नपे समझो|
लोकसभा चुनाव के दौरान शराब और काले धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए छापे मारे जायेंगे। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी पवन कुमार ने सोमवार को अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि उड़नदस्ते के अधिकारियों को चुनाव के दौरान मजिस्ट्रियल अधिकार दिए गये हैं। कहीं भी अधिक मात्रा में शराब या नकदी एकत्र होने व वितरण किए जाने की सूचना पर छापामार दल तत्काल कार्रवाई करेंगे। प्रत्येक दल में अधिकारी के अलावा एक उपनिरीक्षक व दो आरक्षी व वीडियोग्राफर को भी सम्मिलित किया गया है। एडीएम प्रभुनाथ ने कहा कि राजनैतिक दलों के कार्यक्रम में निर्धारित समय से पूर्व पहुंच कर पंडाल व खाली कुर्सियों आदि की वीडियोग्राफी करा लें। इससे पूरी व्यवस्था पर हुए खर्च का अंदाजा लग जायेगा। वीडियो की प्रमाणिकता के लिए आप स्वयं कैमरे के सामने आकर व्यय आंकलन का ब्योरा अपनी आवाज में रिकार्ड करें।
अभ्यर्थियों के व्यय रजिस्टर तथा वीडियो के बीच किसी विसंगति को स्पष्ट करने के लिए अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किए जायेंगे। प्रत्याशी मामले में उपजिला निर्वाचन अधिकारी से अपील कर सकते हैं। मांगे जाने पर प्रत्याशियों को वीडियो की सीडी भी उपलब्ध करायी जायेगी। बैठक में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।