मुर्गी पालन कारोबार में अंधी मुर्गी बड़े काम की चीज है। अंधी मुर्गी को नजरअंदाज करना घाटे का सौदा हो सकता है।
प्राकृतिक रूप से अंधी मुर्गियां दृष्टिवान मुर्गियों के मुकाबले ज्यादा अंडे देती हैं। बेंगलूर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एनिमल न्यूट्रीशन एंड फिजियोलाजी द्वारा किए गए एक शोध में यह निष्कर्ष निकला है।
शोध रपट के अनुसार संस्थान के वैज्ञानिकों ने पाया कि ’स्मोकी जोस’ प्रजाति की मुर्गियां, जो पैदाइश से ही दृष्टिहीन होती है, जल्दी अंडे देना शुरू कर देती हैं और औसत मुर्गियों की तुलना में अधिक अंडे देती हैं।
मुर्गियों में अंडा देने की प्रकृति पर प्रकाश के प्रभाव पर केंद्रित यह अध्ययन 2008 के अंत शुरू किया गया और इस वर्ष जुलार्इ तक चला।
यह अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक आर्इजी रेड्डी, जी. रविकृष्णन और एस मोंडल द्वारा किया गया और परिणाम में पाया गया कि विविध रंग के प्रकाश का मुर्गियों की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है।
परिणाम में देखा गया कि सफेद बल्ब की रोशनी में रखी गर्इ एक मुर्गी ने 52 सप्ताह में करीब 300 अंडे दिए, जब उसे लाल रंग की रोशनी में रखा गया तो पांच प्रतिशत अधिक अंडे दिए। नीली रोशनी में रखे जाने पर मुर्गी तीन प्रतिशत अधिक अंडे दिए।
इस अध्ययन की पुष्टि के लिए एक और परीक्षण किया जाएगा जिसमें एक साल लगेंगे। इसके बाद संस्थान के जरिए रपट कृषि मंत्रालय को भेजी जाएगी।