मासूमों को तहसील दिवस में शिकायत करते देख डीएम चकराये

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dm pawan kumar2फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक जनता दरबार लगाये बैठे थे, समस्यायें सुनने का दौर चल रहा था। हर विभाग का कर्मचारी व अधिकारी दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराये हुए था। तभी अचानक जिलाधिकारी का ध्यान कुछ मासूमों ने अपनी तरफ खींच लिया। बच्चे हाथ में एक ज्ञापन पकड़े हुए थे, जिसमें नगर पालिका की शिकायत लिखी थी। जिलाधिकारी बच्चों को देखकर दंग रह गये। उन्होंने तत्काल उस शिकायत पर एसडीएम व ईओ डूडा को तलब कर लिया।

जिलाधिकारी पवन कुमार व पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र सिंह के साथ एक सैकड़ा से अधिक अधिकारी जनता दरबार में मौजूद थे। तहसील दिवस के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ तभी तो डीएम भौचक्के रह गये। पुलिस विभाग, नलकूप विभाग, बिजली विभाग, शिक्षा विभाग, पूर्ति विभाग, नगर पालिका के अलावा न जाने कितने विभागों के अधिकारी आसीन थे। शिकायतों के लिए लम्बी कतारें लगीं थीं, क्योंकि तहसील दिवस में डीएम के पहुंचने का मतलब है, शिकायतों की संख्या में वृद्वि। तभी अपने नन्हें नन्हें कदमों से पांच बच्चे तहसील दिवस में लगे जनता दरबार में घुसते हैं, उनके हाथों में एक कागज था। जिसमें नगर पालिका के खिलाफ शिकायत दर्ज थी। गेट पर खड़े तहसील दिवस के कारिंदों ने मासूमों की तरफ नजर तो डाली लेकिन उनके हाथ से वह कागज लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाये क्योंकि जिलाधिकारी महोदय की नजर उन बच्चों पर ही गड़ी थी।

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बच्चे प्रार्थनापत्र लेकर सीधे डीएम के सामने जा पहुंचे। उन्हें यह भी नहीं पता कि डीएम आखिर किसका नाम है और कागज में लिखा क्या है। खैर कागज में काशीराम कालोनी हैवतपुर गढ़िया की ललिता पत्नी धनीराम के नाम से प्रार्थनापत्र था। जिसने लैट्रिन टैंक भर जाने से परेशान होकर प्रार्थनापत्र दिया था। जिलाधिकारी ने पूछा कि उनके माता पिता कहां हैं, तो उन्होंने अंकल काम पर गये हैं। जिलाधिकारी ने बच्चों के प्रार्थनापत्र को तत्काल संज्ञान में लेते हुए एसडीएम सदर भगवानदीन वर्मा से कार्यवाही करने की बात कही। एसडीएम ने ईओ डूडा से जांच कर सफाई कराने के आदेश तत्काल कागज पर कर दिये।