रीता के भाई, जगदंबिका के बेटे को टिकट

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कांग्रेस उम्मीदवारों की तीसरी सूची में 78 उम्मीदवारों के नाम जारी होते ही कांग्रेस ने अब तक 213 उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए है। एक बार फिर कांग्रेस ने राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन की चल रही बातचीत के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतारने से परहेज किया है।

कांग्रेस की तीसरी सूची में जमकर परिवारवाद को बढ़ावा दिया गया है। मंत्री, सांसद, एमएलए के रिश्तेदारों के नाम ही इस सूची में ज्यादा नजर आ रहे हैं। सूची में कई बड़े नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देकर नवाजा गया है, तो जातीय समीकरण के आधार पर सूची को संतुलित किया गया है। नाते रिश्तेदारों को टिकट देने की फेहरिस्त में सबसे पहले नाम प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का है। उनके भाई शेखर बहुगुणा को फाफामऊ से टिकट मिला है। मरिहान से पूर्व सांसद राजेश पति त्रिपार्टी के बेटे ललितेश पति त्रिपार्टी को टिकट दी गई है। कासगंज से सलीम शेरवानी के भाई सईद मुस्तफा शेरवानी को उम्मीदवार बनाया गया है। बस्ती सदर से सांसद जगदंबिका पाल के बेटे अभिषेक पाल को उम्मीदवार बनया गया है। बहेरी से सलीम अख्तर को टिकट दिया गया है। सलीम पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीब पठान के रिश्तेदार बताए जाते हैं। , जबकि युवक कांग्रेस से चार उम्मीदवारों को टिकट दी गई है, जिनमें से दो उम्मीदवार ललितेश पति त्रिपार्टी और अभिषेक पाल तो बड़े नेताओं के बेटे हैं।

वहीं जातीय समीकरण के लिहाज से सूची को संतुलित बनाने की कोशिश की गई है। एक दर्जन से ज्यादा ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट देकर पिछली सूची में इस वर्ग को कम तवज्जो देने की भरपाई की गई है। आधे दर्जन से अधिक ठाकुर और मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट मिला है। पांच महिलाओं को टिकट दिया गया है। दलित वर्ग से 16 उम्मीदवारों को टिकट दी गई है।

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव लखनऊ के मध्य विधानसभा क्षेत्र से टिकट चाहते थे लेकिन कल आई तीसरी लिस्ट में भी इनका नाम नहीं आया और इनकी जगह हाल ही में बीएसपी से आए फाकिर सिद्दीकी को टिकट दे दिया गया है। इससे नाराज सुबोध ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।