कट्टर कांग्रेसी रह चुके हैं शोभन सरकार के शिष्य ओम बाबा

Uncategorized

नई दिल्ली। बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के शोभन सरकार पर दिए बयान के बाद विवाद बढ़ता ही जा रहा है। शोभन सरकार के शिष्य ओम महाराज ने कबूल किया है कि वो किसी जमाने में कांग्रेस में रहे थे। उनके एक पुराने साथी ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया है। इस खुलासे के बाद विवाद और राजनीति का नया दौर शुरू हो सकता है।
shobhan sarkar omji
ओम जी के पुराने साथी बताते हैं कि वो किसी जमाने में कांग्रेस में रहे थे। 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्होंने कांग्रेस के लिए राजनीति छोड़ दी थी। ओम बाबा के पुराने साथियों के मुताबिक उनका असली नाम ओम अवस्थी है और इंदिरा गांधी के जमाने में कांग्रेस में थे।

ओम बाबा को जानने का दावा करने वाले मेरठ के वकील ओमप्रकाश शर्मा का कहना है कि उन्होंने ओम जी को टीवी पर देखकर पहचाना। ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि ओम जी उर्फ ओम अवस्थी की इंदिरा गांधी में गहरी आस्था थी।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
ओम जी की मोदी को लिखी चिट्ठी के बाद तिलमिलाई बीजेपी ने कांग्रेस के दबाव में चिट्ठी लिखवाने का आरोप लगाया था। कुछ नेताओं का कहना था कि चिट्ठी की भाषा कांग्रेस की भाषा है और इसके पीछे कांग्रेस का ही हाथ है। अब खुद ओम जी पर हुए खुलासे से विवाद का नया दौर शुरू होता दिख रहा है।

बता दें कि उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव के किले में 1000 टन सोने की खुदाई के मुद्दे पर साधु शोभन सरकार की तरफ से गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर नाराजगी का इजहार किया गया था। चिट्ठी में कहा गया कि आखिर किस आधार पर मोदी ने सपने की बात कहकर शोभन सरकार को निशाना बनाया। चिट्ठी में मोदी को अनर्गल प्रलाप कर समय बर्बाद न करने की नसीहत भी दी गई थी। ये चिट्ठी ओम बाबा ने लिखी थी।

इस चिट्ठी के बाद मोदी के सुर भी नरम पड़े और उन्होंने इस चिट्ठी का जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा कि कई लोग संत सुशोभन सरकार का अनुसरण करते हैं। साधु की तपस्या और त्याग को मेरा भी प्रणाम। मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि कालेधन के मुद्दे पर वो बेदाग छवि पेश करे और इस पर एक श्वेतपत्र जारी करे।