“हमारी बेटी आपका कल” योजना में आशमा, अरशी और शबीना की चेक भी बाउंस हो गयी

Uncategorized

फर्रुखाबाद: यू पी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “हमारी बेटी आपका कल” की चेके धडाधड बाउंस हो रही है| पहले गुलफ्सा का मामला आया जिसमे बाबू ने 5000 की घूस लेकर चेक देरी से दी| इसके बाद आशमा का मामला आया जिसमे बैंक ने समय से जमा की गयी चेक बाउंस बताकर खाते में भेजा पैसा वापस कर लिया| और अब अरशी और शबीना का नया मामला प्रकाश में आया है| हमारी बेटी उसका कल योजना में मिली इन सभी की चेक बैंक से वापस आ गयी| इन सभी के साथ लगभग एक दर्जन बेटियां 7 अक्टूबर को सपा महासचिव रामगोपाल यादव के जिले में आगमन पर उन्हें अपनी समस्या से रूबरू कराने की तैयारी कर रही है|
UP GOVT CHECK BOUNCE
सरकार की बदनामी हो रही है और अफसर अपनी अपनी बचाने को बाबू को संरक्षण दे रहे है| पिछले तीन दिनों में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का बाबू मदरसों के संचालको को लेकर तहसील दिवस की फरियादी आशमा पर दबाब बनाने के लिए एडी छोटी का जोर लगा रहा है| कई मदरसों के संचालक जो फर्जी छात्र छात्रों के आंकड़ो पर सरकार से करोडो का धन लूटते है उसके सूत्रधार को बचाने के लिए दिन भर धमाचौकड़ी कर रहे है| इसमें एक बेसिक शिक्षा परिषद् का वो अध्यापक भी शामिल है जो मंत्री शिवपाल सिंह यादव के कार्यक्रम में स्कूल समय में मेडिकल दिखाकर स्टेज पर पंहुचा था| इसके भी कई मदरसों को संचालित करवाने की खबरे मिली है| अल्पसंख्यक समाज के कई कथित समाजसेवी ठेकेदार अपने बिरादरी की पीड़ित बच्ची की मदद करने की बजाय विभाग के बाबू को बचाने के लिए परिजनों पर दबाब बना रहे है| पीड़ित के भाई को बीटेक में मुफ्त एडमिशन और पूरी फीस भुगतान का प्रोपोजल भी दिया गया| मगर अब तक शिकायत वापस लेने के सारे प्रयास विफल रहे है| सूत्रों ने बताया कि बाबू पर मामले को तत्काल निपटाने का अफसर लगातार दबाब बनाये है| वहीँ शिकायत पर जाँच कर कार्यवाही करने के स्थान पर अल्पसंख्यक अधिकारी दिलीप कुमार ने ने जेएन ई को दिए अपने वर्जन में सारे आरोप बेबुनियाद बताये है| जाहिर है ये परम्परागत व्यवस्था है| अब दो नए मामले जो जेएनआई के प्रकाश में आये है वो भी पहले जैसे ही है|

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
अरशी पुत्री वकीलुद्दीन और शबीना पुत्री इकरारुद्दीन दोनों निवासी जवाहरनगर कमालगंज भी सरकारी अव्यवस्था का शिकार हुई है| इन दोनों का भी हमारी बेटी उसका कल योजना में चयन हुआ| दोनों को 28 जनवरी 2013 की चेक मिली और चेक मिलने के दूसरे दिन फरवरी के पहले
सप्ताह में बैंक में चेक जमाकर दी| मगर समय से जमा करने के बाद भी इन दोनों की भी चेक भी बाउंस हो गयी| दोनों अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और बैंक के चक्कर लगा लगा कर परेशान हो गए है| शुक्रवार को भी तीनो पंजाब नेशनल बैंक अपनी चेक बाउंस होने का कारण जानने गयी मगर निराश होकर लौट आई| अब सपा महासचिव के समक्ष पेश होने का मजबूत इरादा सभी ने बना लिया है|

सरकार कोई भी हो जब नगदी बटने की स्कीम आती है| लाभार्थी को बहुत छोटा हिस्सा ही हाथ लगता है| किसी न किसी खर्चे के बहाने उसे भेट पूजा दिए बिना लाभ नहीं मिल पाता है|