जल्दी ही स्कूल का भारी बस्ता जेब में आ जायेगा

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Tabletअब लाडले की पीठ पर बस्ते का बोझ देख आप परेशान नहीं होंगे। जल्द ही उसके एक हाथ में टिफिन और जेब में स्कूली बैग होगा। यह संभव होने जा रहा है सीआइएससीई बोर्ड के स्कूलों में। यहां छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को ई-बुक टैब मिलने जा रहे हैं। इससे जहां कागज की बचत होगी, वहीं बच्चों को पढ़ने में सहूलियत रहेगी।

एसोसिएशन ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट यूपी शाखा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन शनिवार को होटल क्लार्क शीराज में हुआ। ‘लर्निग इन ए चैलेंजिंग व‌र्ल्ड’ विषय पर हुए कॉन्फ्रेंस में काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) बोर्ड के प्रधानाचार्यो की मौजूदगी में ई-बुक टैब के फायदे गिनाए। एवरग्रीन पब्लिकेशन इंडिया के मार्केटिंग महाप्रबंधक राजीव आहूजा के अनुसार संस्था ने अप्रैल 2013 में ई-बुक टैब लांच किया। इसमें कक्षा एक से दस तक के छात्र-छात्राओं का पाठ्यक्रम है। इसकी कीमत 8500 रुपये है। टैब में सिम कार्ड और बैक कैमरा की सुविधा नहीं दी गई है। खास बात यह है कि टैब में ऐसे फीचर दिए गए हैं, जिससे हर साल पाठ्यक्रम या फिर चैप्टर में होने वाले बदलावों को भी छात्र आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे। साथ ही ऑन लाइन किताबों को पढ़ने की सुविधा भी मिलेगी।
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कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव व सेंट पीटर्स के प्रधानाचार्य फादर पॉल तानिकल ने कहा कि ई-बुक टैब को कॉलेज की किसी एक कक्षा में लाने की तैयारी चल रही है। कॉन्फ्रेंस में इलाहाबाद, लखनऊ, दिल्ली सहित कई अन्य कॉलेजों के प्रधानाचार्यो ने टैब को अपनाने पर सहमति जताई।

ये हैं ई बुक टैब के फायदे

– कागज की बचत होगी, इससे पेड़ों का कटान कम होगा।

– टैब की सहायता से बच्चे कहीं पर भी पढ़ाई कर सकेंगे।

– छात्र-छात्राओं में रचनात्मकता में बढ़ोतरी होगी।

– शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों की स्किल बढ़ेगी।

– चैप्टर को समझने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

सीबीएसई स्कूलों में भी चल रहे प्रयास

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) के स्कूलों में भी ई-बुक टैब को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा के उप सचिव प्रद्युम्न चतुर्वेदी का कहना है कि एक निजी कंपनी ने स्कूल में टैब का डेमो किया था। वैसे भी स्कूलों में अब ई लर्निग और स्मार्ट क्लास पर ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे में टैब पर पढ़ाई करने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।