आज रात चन्द्रमा से बरसेगा अमृत

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रायपुर२२October:शरद पूर्णिमा पर कल मंदिरों तथा विभिन्न स्थानों पर भक्ति संगीत का कार्यक्रम होगा। मध्य रात्रि तक होने वाले आयोजनों के दौरान खीर बनाई जाएगी या फिर घरों में बनाकर खुले आसमान के नीचे रखी जाएगी। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात अमृत की बारिश होती है।

संस्कृत महाविद्यालय के वेद विभाग के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर मिश्रा ने बताया कि शरद पूर्णिमा अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को मनाते हैं। पुराणों के अनुसार आज के दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ रास रचाया था। उनके मनमोहक नृत्य को देखकर चंद्रमा अपनी गति भूल गए।

उनके हाथों में रखा अमृत कलश लुढ़क गया। कुछ पल के लिए धरती पर भी अमृत की बूंदें गिरीं। इसी मान्यता की वजह से शरद पूर्णिमा की रात खुले में खीर रखी जाती है। इस दिन चंद्रमा अपने पूरे आकार में होता है।

शरद पूर्णिमा की रात भक्तों के जागने की वजह से इसे कोजागरी भी कहते हैं। यह भक्त और भगवान के मिलने की कहानी बताती है। दत्तात्रय मंदिर ब्रह्मपुरी में रात 8 से 12 बजे तक शरद पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाएगा।

मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिवल्लभ अग्रवाल ने बताया कि उत्सव के दौरान भजन-कीर्तन और भंडारा होगा। इसके अलावा अन्य मंदिरों में भी भजन कीर्तन होंगे। छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज केंद्रीय (प्रांतीय) समिति का कार्यक्रम 23 अक्टूबर की रात कुशालपुर चंगोराभाठा स्थित अभिनंदन पैलेस में होगा। संस्था के प्रवक्ता बिहारीलाल शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम दो चरणों में होंगे।

दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक बच्चों के लिए रंगोली, चित्रकला और नृत्य स्पर्धाएं होंगी। विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। शाम को 7 बजे डॉ. पीसी लाल यादव के निर्देशन में माटी महतारी का मंचन होगा।

शरद उत्सव में होंगी स्पर्धाएं

माहेश्वरी युवा मंडल शरद पूर्णिमा के अवसर पर शरद उत्सव मनाएगा। रविवार को लायंस डेन जल विहार कालोनी में अनेक प्रतियोगिताएं होंगी। फैंसी ड्रेस के अलावा फैशन शो, सोलो व ग्रुप डांस होंगे।

कार्यक्रम के समापन पर रास गरबा होगा। मंडल के सचिव दीपक राठी ने बताया कि समाज की ओर से प्रतिवर्ष शरद उत्सव मनाया जाता है। इससे समाज के लोगों को एक दूसरे से परिचित होने का मौका मिलता है।