पढ़ें- जनरल वीके सिंह पर किसने क्या कहा?

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vk-singhनई दिल्ली। इंडियन एक्सप्रेस में पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह पर छपी रिपोर्ट के बाद सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस-बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। तमाम नेता इसे सियासी नजरिए से देख रहे हैं। वहीं रक्षा विशेषज्ञ इसे गलत परिपाटी करार दे रहे हैं।

राशिद अल्वी, कांग्रेस नेता

सरकार इस मसले को देखेगी और नतीजे पर पहुंचेगी। पीएमओ इस मामले को देखेगा। जनता जानना चाहती है कि वो खुद से ऐसा कर रहे थे या किसी राजनीतिक पार्टी के प्रभाव में काम कर रहे थे।
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मुख्तार अब्बास नकवी, बीजेपी नेता

अगर सही कारणों की वजह से जांच होती तो हमें कोई एतराज़ नहीं है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी पार्टी से जुड़ता है उसके बाद उस पर जांच हो तो ये तो बेशर्मी है। अब तो इनके कुछ मंत्री भी हमारी परी में आने वाले हैं, तब ये क्या करेंगे। इनको जेल भेज देंगे क्या?। इनकी बौखलाहट साफ़ नज़र आ रही है।

निर्मला सीतारमन, प्रवक्ता, बीजेपी

ये आरोप अजीब लगते हैं न सिर्फ इसकी टाइमिंग को लेकर बल्कि कंटेट को लेकर भी। वीके सिंह रेवाड़ी रैली में नरेंद्र मोदी के साथ नजर आए थे। अगर ये रिपोर्ट मार्च में तैयार हो गई थी, तो अब बाहर क्यों आई है।

कैप्टन अभिमन्यु, बीजेपी प्रवक्ता

जनरल सिंह ने सरकार के खिलाफ कुछ गंभीर मुद्दों को उठाया, नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया। सरकार को सेना के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। इसके गंभीर नतीजे होंगे।

अली मोहम्मद सागर, ग्रामीण विकास मंत्री, जम्मू-कश्मीर

अगर ये आरोप सही हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए। एक्शन लेना सीएम का काम है। अगर रिपोर्ट सही नहीं है तो अखबार को माफी मांगनी चाहिए।

नरेश अग्रवाल, सपा सांसद

महत्वपूर्ण पोजीशन पर जो लोग बैठते हैं, उनको राजनीत में आने से रोकना चाहिए। वीके सिंह सेना के चीफ थे, उनको सारे सेना के सीक्रेट्स मालूम हैं। भारत सरकार ने देखा होगा, उसी के हिसाब से जांच हुई होगी। इसको बदले में क्यों देखा जा रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल हूण

वीके सिंह की छवि पर उनके सेवा विस्तार से ही सवाल उठे हैं। लोगों में इसका अच्छा संदेश नहीं गया। इस तरह की बात बहुत शर्मनाक है। अगर ये सच है तो ये सेना के लिए बहुत डरावना और दुखद है।

भरत वर्मा, रक्षा विशेषज्ञ

मिलिट्री इंटेलीजेंस के ऑपरेशन गुप्त होते हैं। इनको पब्लिक में नहीं लाया जा सकता। ऐसे ऑपरेशन में जो फंड इस्तेमाल होता है उनकी किसी खाते में एंट्री नहीं होती। इस मामले में पॉलिटिकल दुश्मनी दिख रही है। जनरलों के बीच भी संघर्ष है। इससे देश को बहुत बड़ा नुकसान होगा। भारत की सुरक्षा को बड़ा झटका लग सकता है।

किरण बेदी, सामाजिक कार्यकर्ता

जब तक वीके सिंह जब देश की एकता की बात कह रहे थे तो हीरो थे, अब वो एक अंदर के व्यक्ति की तरह बात कर रहे हैं तो उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है।