घेरे में जनरल वीके सिंह, लगा ‘सीक्रेट ऑपरेशन’ का आरोप!

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vk_singhनई दिल्ली। पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह को लेकर एक अखबार ने सनसनीखेज दावा किया है। अखबार के मुताबिक सेना ने सिंह पर उनके द्वारा गठित सीक्रेट सर्विस यूनिट का इस्तेमाल गुप्त ऑपरेशन और गैरकानूनी गतिविधियों में करने का आरोप लगाया है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सेना ने वीके सिंह की बनाई सीक्रेट सर्विस यूनिट की जांच की सिफारिश की है। सिंह पर आरोप लगाया गया है कि इस सीक्रेट सर्विस फंड का इस्तेमाल गुप्त ऑपरेशन के लिए किया गया।

जम्मू-कश्मीर सरकार को अस्थिर करने का आरोप

अखबार के मुताबिक सेना ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि इस फंड का इस्तेमाल उमर अब्दुल्ला की जम्मू-कश्मीर सरकार को अस्थिर करने में किया गया। साथ ही वीके सिंह पर बिक्रम सिंह का रास्ता रोकने की भी कोशिश का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा कुछ इंटरसेप्शन उपकरण खरीद के लिए फंड के पैसे का इस्तेमाल किया गया। इन उपकरणों का इस्तेमाल गुप्त ऑपरेशन के लिए किया जाना था। अखबार के मुताबिक सेना का कहना है कि सीक्रेट सर्विस फंड के 8 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिला है।

‘TSD की हो जांच’

अखबार के मुताबिक सेना ने रक्षा मंत्रालय से कहा है कि जनरल सिंह द्वारा मई 2010 में मिलीटरी इंटेलीजेंस यूनिट के तहत बनाई गई टेक्नीकल सर्विस डिविजन (TSD) की जांच सीबीआई जैसी किसी बाहरी एजेंसी से कराई जानी चाहिए। टीएसडी की कार्यप्रणाली को लेकर सेना की जांच रिपोर्ट में इस तरह की जांच की सिफारिश की गई है। जांच रिपोर्ट लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने दी है जो मिलिटरी ऑपरेशन के डीजी हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों की अवैध तरीके से फोन टैपिंग करने के आरोपी टीएसडी के बारे में सेना की रिपोर्ट हाल में रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है। इस रिपोर्ट में इंटेलीजेंस यूनिट की गतिविधियों पर शक जाहिर किया गया है। ये रिपोर्ट जनरल बिक्रम सिंह के बनाए बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स यानी बीओओ की ओर से सैन्य अभियान के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने तैयार की। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि ये यूनिट गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रही है।

रिपोर्ट में सेना के असल दस्तावेज और नोटिंग शामिल है और से इसी साल मार्च में तत्कालीन रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को सौंपा गया था। अखबार के मुताबिक सरकार और सेना के सूत्रों से पता चला है कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी को भी इस बारे में बताया गया है और उन्होंने इसे पीएमओ की जानकारी में लाने की बात कही। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय और पीएमओ में इस पर गंभीर चर्चा भी हुई है।

सेना मुख्यालय ने कहा, मामला बंद

हालांकि इस मसले पर सेना मुख्यालय ने कहा कि उनकी ओर से मामला बंद है। वह इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। सूत्रों की मानें तो सेना अपनी ओर से इस यूनिट के खिलाफ जांच नहीं करना चाहती क्योंकि वह अपने पूर्व जनरल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नहीं दिखना चाहती।

वहीं जनरल वीके सिंह ने इंटेलीजेंस यूनिट की जांच को बेमतलब करार दिया है। सिंह ने कहा कि कुछ लोग उनके और नरेंद्र मोदी के साथ से असहज हैं। बता दें कि मोदी की रेवाड़ी रैली के दौरान वीके सिंह ने भी मंच साझा किया था।