लखनऊ में रैली निकाल रहे ग्राम प्रधान लाठियां भांजकर खदेड़े गए

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लखनऊ। रैली निकालने पर अड़े ग्राम प्रधानों को सोमवार को पुलिस ने लाठी चार्ज कर खदेड़ दिया। लाठीचार्ज में चार लोगों के सिर फट गए जिन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के लाठीचार्ज से मौके पर भगदड़ मच गई। उधर घटना के विरोध में ग्राम प्रधान रेजीडेंसी के सामने ही बेमियादी अनशन पर बैठ गए। अनशन रात तक जारी था।
[bannergarden id=”8″]Pradhanराष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन के आह्वान पर प्रदेश भर से ग्राम प्रधान अपनी लंबित मांगों के निराकरण के लिए सोमवार को रैली में जुटे थे। दोपहर करीब 12 बजे रैली निकलाने को लेकर संघ सदस्यों व पुलिस के बीच विवाद होने लगा। कुछ लोगों ने जुलूस के रूप में जबरदस्ती आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा, मीडिया प्रभारी डा, श्याम नारायण, मऊ के प्रभारी जेपी सिंह तथा श्रीधर राय के सिर फूट गए। इन लोगों को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि प्रमुख सचिव पंचायती राज के साथ हुई वार्ता के बाद भी समस्याओं का निराकरण न होने से प्रदेश भर के ग्राम प्रधानों में आक्रोश है। इसी के मद्देनजर सोमवार को चेतावनी रैली आयोजित की गई थी। अपराह्न 12 बजे के करीब राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश चंद्र भूषण पांडेय के नेतृत्व में गांधी भवन प्रेक्षागृह से ग्राम प्रधान निकलने लगे तो पुलिस ने उन्हे रोक दिया। इसे लेकर पुलिस के साथ ग्राम प्रधानों की झड़प होने लगी।
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उधर लाठी चार्ज के बाद डालीगंज पुल से लेकर शहीद स्मारक तक लंबा जाम लग गया। पुलिस से बचने के लिए काफी संख्या में लोग शहीद स्मारक में घुस गए। दूसरी तरफ पुलिस सिर्फ लाठी फटकार कर भगाने का दावा करती रही जबकि संगठन के सदस्यों ने चार लोगों के सिर फटने के साथ एक दर्जन से ज्यादा लोगों के चोटिल होने का दावा किया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही ग्राम प्रधान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए जिससे कचहरी से शहीद स्मारक तक पूरा मार्ग ठप हो गया। धरना रात तक जारी रहा। संगठन पदाधिकारियों मांगे पूरी होने तक धरना जारी रखने का दम भरते रहे।
दूसरी तरफ आदर्श ग्राम प्रधान एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह ने ग्राम प्रधानों पर पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज मंत्री बलराम यादव व ग्राम विकास मंत्री अरविंद सिंह गोप ने तीन महीने में समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया था लेकिन 13 महीने बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अलबत्ता प्रदेश सरकार ने ग्राम प्रधानों के तमाम अधिकार छीन लिए हैं।