अब फेल छात्रों को नहीं मिल सकेगा मौका

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200px-UPBoardलखनऊ: यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल परीक्षा परिणाम को लेकर कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। अगली परीक्षा से फेल परीक्षार्थियों को परिणाम सुधारने का मौका नहीं मिलेगा। बोर्ड इम्प्रूवमेंट, कंपार्टमेंट व क्रेडिट के लाभ पर ताला लगाने जा रहा है।

हाईस्कूल परीक्षा परिणाम व व्यक्तिगत प्राप्तांक प्रतिशत सुधारने के लिए बोर्ड ने 2009-10 में ग्रेडिंग प्रणाली लागू कर फेल छात्रों को उत्तीर्ण होने के कुछ और अवसर दिए। यह प्रयोग फेल साबित हुए तो बोर्ड ने इस बार की आम सभा में उन्हें बंद करने का फैसला किया। पिछले सत्र तक लागू व्यवस्था के मुताबिक हाईस्कूल परीक्षा में हिंदी समेत पांच विषयों में न्यूनतम डी ग्रेड पाने वाले छात्रों के अंकपत्र पर उत्तीर्ण लिखा होता है। इससे नीचे ई-1 व ई-2 ग्रेड पाने वाले छात्र अनुत्तीर्ण माने गए। तीन या तीन से अधिक विषयों में फेल के अंकपत्र पर ‘फेल एंड इजबिल फार क्रेडिट’ लिखा जा रहा है। ऐसे छात्र अगले तीन साल में फेल विषयों की परीक्षा दे सकते हैं। यह अवसर उसे मुख्य परीक्षा में ही दिया जा रहा है। तीन साल के बाद व्यक्तिगत परीक्षा दे सकते हैं। बोर्ड ने अनुत्तीर्ण छात्रों को मिल रहे इन सभी अवसरों को बंद करने का फैसला किया है। परीक्षा में लागू ग्रेडिंग प्रणाली में हिंदी में उत्तीर्ण (न्यूनतम 33 फीसद अंक) होना अनिवार्य है। हिंदी से इतर अन्य एक विषय में फेल को जुलाई में इंप्रूवमेंट परीक्षा का मौका मिलता है यह व्यवस्था अगले साल से खत्म हो जाएगी। आम सभा में पारित प्रस्तावों को बोर्ड शासन के पास भेज रहा है।
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हाईस्कूल परीक्षा परिणाम में लगातार सुधार हो रहा है। पिछले सालों में तीन से चार हजार बच्चे ही इंप्रूवमेंट या कंपार्टमेंट के लिए मिले। उनकी पूरे प्रदेश में परीक्षा कराने में दिक्कत होती है। इसीलिए अगले सत्र से इन्हें खत्म करने का फैसला लिया गया है।

-वासुदेव यादव, निदेशक यूपी बोर्ड