आय से अधिक संपत्ति के दोषी मिले बसपा के पूर्व विधायक

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BSP MLA K K SACHANलखनऊ : लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने मड़ियाहूं (जौनपुर) से बसपा के विधायक रहे केके सचान को आय से अधिक सम्पत्ति जुटाने, गलत तरीके से जमीनों का बैनामा कराने का दोषी पाया है। ऐसे में लोकायुक्त ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा चलाने की मुख्यमंत्री से सिफारिश की है। लोकायुक्त ने अकबरपुर में तैनात रहे दो तत्कालीन एसडीएम की भूमिका की जांच के भी निर्देश दिए हैं। संस्तुतियों पर कार्रवाई के लिए एक माह की मोहलत दी गई है।

कानपुर के सर्वोदय नगर निवासी सुश्री अर्चना सिंह ने लोकायुक्त के यहां दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाया था कि वर्ष 2007 से 2011 के अंतराल में तत्कालीन विधायक केके सचान (कृष्ण कुमार सचान) ने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की। उन्होंने ज्ञानोदय शिक्षण एवं मानव उत्थान नाम की संस्था बनाई, जिसमें उनके निकट संबंधी ही सदस्य थे। इस संस्था के नाम कीमती सम्पत्तियां खरीदी गई। महीनों की जांच पड़ताल के बाद लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजी रिपोर्ट में केके सचान को आय से अधिक सम्पत्ति का दोषी पाया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानोदय शिक्षण एवं मानव उत्थान संस्था ने 2007 से 2011 के बीच कानपुर, कानपुर देहात और अन्य शहरों में 29 सम्पत्तियां खरीदीं। इस संस्था ने 2010-2011 में 63,50,000 लाख रुपए की बचत का उल्लेख किया जबकि 2007 से 2009 तक के बही खाते में कोई बचत नहीं थी। इसके अलावा गलत इन्द्राज के जरिये कानपुर देहात के ग्राम चकटोडरपुर गांव के दो खातों की जमीन का बैनामा केके सचान की पत्नी सुनीता सचान के नाम कराया गया। इसमें तत्कालीन एसडीएम सतीश चन्द्र शुक्ला व एसडीएम समीर वर्मा और लेखपाल रमेश चन्द्र तिवारी की भूमिका संदिग्ध रही है।
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लोकायुक्त ने 1231 पेज की अपनी रिपोर्ट में पूर्व विधायक की सम्पत्तियों, शिकायतकर्ता के बयान और तथ्यों का उल्लेख किया है। यह भी जिक्र किया है कि शिकायतकर्ता के परिवार के लोगों ने पहले केके सचान के साथ दो संस्थाएं बनायी थी। जिसके जरिए एक इंजीनियरिंग कालेज चलाया गया। जिसमें वित्तीय गड़बड़ी उजागर होने के बाद दोनों पक्ष में अलगाव हुआ। लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री को जांच रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए एक माह का समय दिया गया है।

सिफारिश के मुख्य बिन्दु

1-ग्राम चकटोडरपुर में सुनीता के नाम दर्ज जमीन का बैनामा रद कराकर जमीन सरकार के खाते में दर्ज करायी जाए

2-तत्कालीन एसडीएम सतीश चन्द्र शुक्ला, एसडीएम समीर वर्मा, लेखपाल रमेश चन्द्र की भूमिका की राजस्व परिषद से जांच करायी जाए

3-ज्ञानोदय शिक्षण एवं मानव उत्थान सेवा समिति की कालेधन से अर्जित सम्पत्तियों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए उप निबंधक सोसाइटी एण्ड फ‌र्म्स एण्ड चिट्स कानपुर को निर्देशित किया जाए।

4-ज्ञानोदय शिक्षण एवं मानव उत्थान सेवा समिति की जांच पड़ताल नहीं करने के लिए 2010 के बाद सोसाइटी फ‌र्म्स एवं चिट्स के पद पर तैनात रहे उपनिबंधकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए।