सिल्ट सफाई घोटाला: गत वर्ष का हिसाब नहीं, 1.58 करोड़ की योजना फिर प्रस्तुत, जांच के आदेश

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FARRUKHABAD : सिंचाई विभाग में एक और घोटाला से पर्दा उठता नजर आ रहा है। गत वर्ष की सिल्ट सफाई का अब तक कोई हिसाब तो नहीं ही है वहीं अगले वित्तीय वर्ष के लिए 1.58 करोड़ की कार्य योजना फिर प्रस्तुत कर दी गयी है। जिलाधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच कराने के सीडीओ को आदेश दिये हैं।

सिंचाई विभाग द्वारा गत वर्ष कराये गये नाले, नहरों में जीम सिल्ट की सफाई का सम्पूर्ण विवरण जब अधिशासी अभियंता सिंचाई रतिराम वर्मा से जिला अधिकारी पवन कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में मांगा तो वे बैठक में प्रस्तुत न कर सके। इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी आई पी पाण्डेय को आदेशित किया कि वे सिंचाई विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जांच कर आख्या प्रस्तुत करें।
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वर्ष 2013-14 में ड्रेनों, नालों, माइनरों की सिल्ट सफाई हेतु किये जाने वाले कार्यों का अनुमोदन कराने के लिए आयोजित बैठक में अधिशासी अभियंता ने बघार नाले, सादिकपुर नाले, ललई नाले, जिराऊ नाले, बिल्सड नाले, ढर्रा नाले, आजम नगर नाले जिनकी कुल लम्बाई 77 किलोमीटर है और जिसकी कार्य लागत 1.14 करोड़ है। इसी प्रकार मनरेगा मद से माइनरों की सिल्ट सफाई हेतु 45 किलोमीटर लम्बाई की 15 माइनर 22.73 लाख रुपये राशि की प्रस्तावित कार्य योजना रखी। शमसाबाद माइनर, जौरा माइनर, कटियार माइनर, अमोघपुर माइनर, पैथान माइनर, बैरमपुर माइनर कुल 38 किलोमीटर की सिल्ट सफाई हेतु प्रस्तावित धनराशि 21.90 लाख रुपये की योजना रखी।

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जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिंचाई को आदेशित किया कि सरकारी नियमों के अन्तर्गत शब्दशः सिल्ट सफाई का कार्य करायें और जहां जहां भी सिल्ट सफाई का कार्य करायें इसकी पूर्व में सूचना क्षेत्रीय ग्रामीणों को दें। इस कार्य की बीडियो ग्राफी भी करायें। इसका बाद में सोशल आडिट भी कराया जायेगा। मनरेगा के अन्तर्गत सिल्ट सफाई कार्य जून के अन्त तक पूर्ण कर लें। किसी भी प्रकार का बहाना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मनरेगा कार्यों में जेसीबी का प्रयोग नहीं किया जायेगा। सफाई का कार्य मजदूरों से करायें तथा मनरेगा से उसका भुगतान करें।

सिल्ट सफाई शुरू होने के पूर्व समाचार पत्रों में सूचना अवश्य छपवायें जिससे आम नागरिकों को सिल्ट सफाई की जानकारी पूर्व में हो सके। अधिकारी नहर की पेट्रोलिंग बराबर कराते रहें ताकि सिंचाई के समय कोई बीच में खांड़ी या अवरोध न उत्पन्न कर सकें। सिंचाई के लिए टेल तक पानी अवश्य पहुंचना चाहिए। बैठक में सीडीओ आई पी पाण्डेय, एडीओ सिंचाई आदि मौजूद रहे।