दिल्ली: बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के मुख्य आरोपी डा. राजेश तलवार और नूपुर तलवार अब परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर घिरने लगे हैं। मामले के विवेचक व सीबीआइ के एएसपी एजीएल कौल ने कोर्ट में जोड़ी गई कड़ियों के हिसाब से पूरा घटनाक्रम बताया और कहा कि आरुषि व हेमराज को आपत्तिजनक स्थिति में देखने पर डा.राजेश तलवार ने गोल्फ स्टिक से वार कर हत्याकांड को अंजाम दिया।
सीबीआइ कोर्ट में जिरह के दौरान विशेष लोक अभियोजक आरके सैनी व बचाव पक्ष के अधिवक्ता सत्यकेतु सिंह में कुछ शब्दों को लेकर खूब नोकझोंक हुई। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तारीख निश्चित की है। मंगलवार को तलवार दंपती भी अदालत में पेश हुए। बचाव पक्ष से जिरह के दौरान एएसपी कौल ने कहा कि 15/ 16 मई, 2008 की रात घर में डा. राजेश तलवार, डा. नूपुर तलवार, आरुषि व हेमराज मौजूद थे। ड्राइवर मुनेश ने चारों को उस रात को आखिरी बार देखा था। हेमराज पर हमला आरुषि के कमरे में उसके बेड पर हुआ और उसके बाद चादर में लपेटकर व घसीटकर छत पर ले जाया गया। वहां पर उसका गला काटा गया।
रात 12 बजे तक डा.राजेश तलवार अपने कमरे में जागे हुए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आरुषि व हेमराज की मौत का समय रात्रि 12 बजे से एक बजे के बीच का है। डा. राजेश ने अपने कमरे में आवाज सुनी तो वह हेमराज को देखने उसके कमरे में गए, लेकिन वह वहां नहीं मिला। उन्होंने हेमराज के कमरे में रखी दो गोल्फ स्टिक में एक उठा ली। इस दौरान उन्हें यह पता चल चुका था कि आवाज आरुषि के कमरे से आ रही थी। आरुषि के कमरे का दरवाजा बंद नहीं था। डा. राजेश ने गोल्फ स्टिक से हेमराज के सिर पर वार किया। दूसरा वार किया तो हेमराज वहां से हट गया और यह वार सीधा आरुषि के माथे पर लगा। इस दौरान डा. राजेश ने कई वार किए। आवाज पर डा. नूपुर भी आरुषि के कमरे में पहुंच गई। तब तक हेमराज बेड से नीचे गिर गया था।
दोनों ने आरुषि की नब्ज देखी तो उसे मृत पाया। इसके बाद दोनों घबरा गए और हेमराज का कत्ल कर शव को छिपाने और मौका मिलने पर उसको डिस्पोज करने की साजिश रची। इसी उद्देश्य से तलवार दंपती ने हेमराज को चादर में लपेटा और घसीटकर सीढि़यों से छत पर ले गए। एक कोने में छोटे धारदार हथियार से उसका गला चीर दिया। साथ ही कूलर का पैनल निकालकर हेमराज के शव पर रख दिया। इसके बाद चादर व धारदार हथियार लेकर फ्लैट में आ गए। वहां से उन्होंने डबल चादर व एक ताला चाबी लिया और वापस छत पर पहुंच गए। इसके बाद दोनों आरुषि के कमरे में आ गए और बिस्तर पर अस्त-व्यस्त रखे खिलौने व अन्य सामान को अपनी जगह पर रख दिया। बिस्तर की चादर की सलवटें भी ठीक कर दी और आरुषि का गला धारदार हथियार से काट दिया। ताकि आरुषि व हेमराज के गले के जख्म एक तरह के दिखाई पडे़।
कौल ने कहा कि डा. नूपुर तलवार ने आरुषि के संवेदनशील अंग को साफ किया और उसे अंत:वस्त्र व पायजामा पहना दिया। इसके बाद वहां पडे़ खून को साफ किया। इंटरनेट के राउटर से छेड़छाड़ की। खून से सने कपड़े व धारदार हथियार एक साथ रख दिए। गोल्फ स्टिक भी साफ करके आरुषि के कमरे की दुछत्ती में छिपा दी और सबसे बाहर का दरवाजा अंदर से तथा बीच के लोहे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इस दौरान डा. राजेश वेलेंटाइन व्हिस्की बिना पानी के पीते रहे और नौकरानी के सामने आरुषि की हत्या का आरोप हेमराज पर मढ़ दिया।
सीबीआई के जांच अधिकारी से तलवार के वकील ने 50-60 सवाल किए। उनके वकील तनवीर अहमद मीर ने जिरह की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जो सीबीआई अब तक इस मर्डर मिस्ट्री में सबूत ना मिलने की बात कह रही थी और तलवार दंपति को क्लीन चिट देने का काम भी कर चुकी थी, अब वही सीबीआई तलवार दंपति को ही कातिल बता रही है। सीधा सबूत अब भी नहीं है।