फर्रुखाबाद: सीबीएसई बोर्ड की ओर से सभी स्कूलों का सख्त निर्देश दिए गए थे, जिसमें विद्यालय की वेबसाइट विकसित करने के साथ ही कई सूचनाएं सार्वजनिक करने की अनिवार्यता निर्धारित की गयी थी। मनामनी पर उतारू अधिकांश पब्लिक स्कूलों ने इन निर्देशों को ठेंगा दिखा रखा है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) अपनी संबद्धता प्राप्त स्कूलों की मनमानी का बुरी तरह शिकार हो रहा है। फीस संरचना में पारदर्शिता लाने के लिए ढाई साल पहले निर्देश जारी करने के बावजूद कई स्कूल प्रबंधक अपनी वेबसाइट न बनाने की जिद पर अड़े हुए हैं। मनमानी पर उतारू अधिकांश सीबीएसई के स्कूलों के पास अभी तक अपनी वेबसाइट नहीं है। मोटी फीस वसूल कर अभिभावकों लूटने वाले ज्यादातर स्कूल प्रबंधन वेबसाइट बनाकर अपनी फीस संरचना की सूचना सार्वजनिक करने के लिए तैयार नहीं है।
18 अक्टूबर 2010 को सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों को खुद की वेबसाइड विकसित करने संबंधी निर्देश जारी किए थे। सरकुलर के तहत छह माह यानी 18 अप्रैल तक सीबीएसई के सभी स्कूलों को अपनी वेबसाइड बनाना जरूरी था। साथ ही कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की नियत से बोर्ड ने स्कूलों के संबंध में कई जानकारियों को उपलब्ध कराने की अनिवार्यता निर्धारित की थी। इसमें स्कूल की सभी कक्षाओं की फीस संरचना से लेकर स्कूल में कार्यरत शिक्षकों की योग्यता तक को सार्वजनिक किया जाना था। लेकिन तय समय सीमा खत्म होने के बाद भी राजधानी में सीबीएसई से संबद्ध करीब तीन दर्जन स्कूलों ने अपनी वेबसाइड विकसित नहीं की है। वहीं, वेबसाइड ऑनलाइन होने के बाद भी कई स्कूलों ने बोर्ड की ओर से निर्देशित जानकारियों को सार्वजनिक नहीं किया है।
इन जानकारियों को सार्वजनिक किया जाना था
1- स्कूल की संबंद्धता की स्थिति
2- स्कूल की संरचना के संबंध में जानकारियां
3- अध्यापकों के नाम और पदनाम
4- कक्षा में पढ़ाने वाले छात्रों की सं या
5- शिक्षक-छात्र अनुपात
6- स्कूल का पता, ई-मेल और फोन नंबर
7- स्कूल के प्रबंधन मंडल के सदस्य की जानकारियांडेली न्यूज नेटवर्क