मतदाता दिवस के बजट का बंदरबांट: मासूम कांपे ठंड में, उधर फर्जी बिलों की जुगाड़

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फर्रुखाबाद: यूं तो 25 जनवरी को मतदाता दिवस मनाया जाता है। परंतु 25 को बारहवफात के उपलक्ष में अवकाश होने के कारण यह आयोजन 24 जनवरी को ही मना लिया गया। इसमें महाविद्यालयों व अन्य जगहों पर गोष्ठियों का आयोजन कर मतदाताओं व विशेष रूप से युवाओं को जागरूक किया जाना था। अब कड़ाके की ठंड में डिग्री कालेज के छात्र तो निकलने से रहे सो मीडिया में छपने की जुगाह में प्रशासन द्वारा उन छोटे बच्चों को ही रैली के नाम पर सड़कों पर घुमा दिया, जिनका वोट से कोई लेना देना नहीं था। शहर के बद्रीविशाल व डीएन डिग्री कालेज में गोष्‍ठयों का भी उपक्रम किया गया। इधर निर्वाचन आयोग से आये 80 हजार के बजट की बंदरबांट को फर्जी बिलों की जुगाड़ भी शुरू हो गयी।

मतदाता दिवस पर देश में निर्वाचन आयोग की तरफ से करोड़ों रुपये का बजट खर्च किया जा रहा है। जनपद में भी निर्वाचन आयोग की तरफ से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम के लिए 80 हजार रुपये का बजट दिया गया। जिसमें से 20 हजार रुपये में जनपद स्‍तर पर बद्रीविशाल डिग्री कालेज में सेमिनार रखा गया। शेष 80 हजार रुपये में से 20-20 हजार रुपये तीनों तहसीलों के हिस्‍से में आये। लेकिन मतदाताओं को जागरूकता के नाम पर उन मासूमों को कड़ाके की ठंड में घुमा दिया जिनका वोट से कोई लेना देना नहीं है।
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वहीं असली सैकड़ों ऐसे मतदाता हैं जो परिचय पत्र पाने व वोट बनवाने के लिए दर दर भटक रहे हैं। प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। शहर में ही ऐसे सैकड़ों मतदाता हैं जिनके आज तक मतदाता पहचान पत्र नहीं बन सके। यदि जैसे तैसे उनके फोटो इत्यादि खींच भी लिए गये तो उनके हाथ में आज तक परिचय पत्र नहीं आ सका। जिससे वह परिचय पत्र पाने के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। कहने को तो तहसीलों पर मतदाता पंजीकरण केंद्र खोले गये हैं, परंतु वह तहसील की सरकारी सभ्‍यता से ग्रसित हैं। यहां तक कि जनपद स्‍तर पर वोटर रजिस्‍ट्रेशन कैंप नहीं है। अब तहसील जाने पर शिकायत कोई सुनता नहीं।