इन्होने 2012 में उत्तर प्रदेश को किया शर्मसार, अब और नहीं

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लखनऊ : वर्ष 2012 वैसे तो उत्तर प्रदेश के लिए कई मायनों में खास रहा लेकिन राजनीति और अन्य कारणों से ये वर्ष प्रदेश के इतिहास में नाम ज़रूर दर्ज कराएगा| मायावती की सरकार का पतन और समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक जीत हमेशा चर्चा में रहने वाली है तो घोटालों के खुलासों को लेकर भी ये वर्ष काफी यादगार रहा लेकिन जिस तरह पूर्व मंत्रियों का नाम किसी न किसी घोटाले से जुड़ा वो शर्मनाक रहा है| नजर डालते हैं कुछ बड़ी घटनाओं और उनके साथ चर्चित हुए चेहरों पर|

टी राम
लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर टी राम इस समय बहुजन समाज पार्टी के विधायक हैं| कहा जाता है कि टी राम मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव के काफी करीबी रहे हैं| लेकिन वो इस समय समाजवादी पार्टी के विरोध में नज़र आते हैं| वहीँ ये जानब मायावती शासन में हुए स्मारक घोटाले में भी शामिल होने के आरोपी हैं| लोकायुक्त और आर्थिक अपराध शाखा इनकी जाँच कर रही है| फिलहाल अभीतक ये स्मारक घोटाले की जाँच कर रही एजेंसी के सामने नहीं आये हैं| सुनने में ये तक आया है कि टी राम जब तक चीफ इंजीनियर रहे हैं उस दौरान में जो भी काम हुए हैं वो सभी जाँच के दायरे में हैं|

अनु टंडन

उत्तर प्रदेश के उन्नाव लोकसभा सीट से कांग्रेस संसद सदस्य अनु टंडन उस समय चर्चा में आई जब इस सीट से कई कद्दावर कांग्रेस नेताओं के टिकट काट कर पार्टी ने इनको टिकट दिया| टंडन ने सलमान खान को अपने प्रचार के लिए मैदान में उतार दिया फिर क्या था जीत गयी अनु| अंबानी परिवार के साथ इनके करीबी सम्बन्ध हैं| पार्टी से जुड़े नेताओं के मुताबिक सोनिया और अनु की काफी मधुरता है| अनु फिलहाल चर्चा में इस लिए हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने एक खुलासे में बताया कि एच एस बी सी बैंक में अनु के करीब 125 करोड़ रुपये जमा हैं| अनु ने इस बात से इनकार तो कर दिया लेकिन खुलकर कभी कुछ नहीं बोली| कांग्रेस ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया|

संजय मोहन

शिक्षा जगत से पहले भी सामूहिक नक़ल और शिक्षा माफिया की खबरें आती रही हैं| कामचोरी और समय से स्कूल ना पहुचना टीचरों की कार्यशैली में तब्दील होने की भी ख़बरें जबतब आती ही रहती हैं लेकिन इस वर्ष जो हुआ उसने तो शर्मसार ही कर दिया| टी.ई.टी परीक्षा में संजय मोहन ने ऐसा घोटाला किया जिसको सुनकर लोगों ने पहले तो विश्वास ही नहीं किया लेकिन जब इनके करीबी पकडे गए तो खुलसा हुआ कि संजय ने टी.ई.टी की ओएमआर सहित को अपग्रेड करने के नाम पर परीक्षार्थियों से 2 से 5 लाख तक वसूले और करोड़ों का घोटाला किया| फिलहाल जनाब निलंबित चल रहे हैं|

बाबू सिंह कुशवाहा

माया मंत्रीमंडल में सबसे कद्दावर मंत्री जो काफी शांत और सुलझे हुए माने जाते रहे लेकिन प्रदेश में हुए एनआरएचएम और लैकफेड घोटाले में उनकी संलिप्तता ने ये साबित कर दिया की शक्ल पर मत जाओ अपनी अक्ल लगाओ| कोई भी कभी भी मौका मिलने पर बड़े घोटाले कर सकता है| एनआरएचएम घोटाले में इनका नाम आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री माया ने इनको ना सिर्फ मंत्रिमंडल बल्कि पार्टी से भी निकाल दिया| सीबीआई ने इनको फिलहाल जेल में डाल रखा है| बाबू सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया वहीँ बसपा सुप्रीमो मायावती पर कई गंभीर आरोप भी जड़ दिए| इस समय लैकफेड घोटाले की जाँच कर रही पुलिस सहकारिता सेल भी इनसे पूछताछ करने वाली है| वर्ष 2012 की तरह ही 2013 भी जेल में ही गुजरने के आसार हैं|

रंगनाथ मिश्रा

कभी ये भारतीय जनता पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता थे| जब देखा की प्रदेश में बीजेपी का कोई भला नहीं होने वाला तब बहुजन समाज पार्टी का दमन थाम लिया और जय भीम के नारे लगाने लगे| बीजेपी सरकार की ही तर्ज पर बसपा सरकार में भी माध्यमिक शिक्षा मंत्री बने| पद पर रहेते ही कई गंभीर आरोप लगे| लोकायुक्त से शिकायत हुयी नतीजे में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा| ख़राब छवि के चलते मायावती ने टिकट काट दिया| फिलहाल लैकफेड घोटाले के आरोपी हैं और पुलिस से बचने के लिए भूमिगत हैं| कोर्ट ने फरार घोषित कर रखा है और कभी भी इनकी संपत्ति की कुर्की हो सकती है|

चंद्रदेव राम

माया सरकार के दौरान हुए लैकफेड घोटाले के आरोपी कोर्ट ने इनको भी फरार घोषित कर रखा है| इनकी भी संपत्ति की कभी भी कुर्की संभव है| इनके सपने में भी कभी नहीं आया होगा कि जो पुलिस इनकी सुरक्षा में लगी रहती है वही इनको खोजने के लिए दिन रात एक कर देगी| यही नहीं यूपी एसटीएफ भी इनको तलाश कर रही है|

बादशाह सिंह

बुंदेलखंड के बेताज बादशाह कहे जाने वाले बादशाह सिंह पहले बीजेपी में थे फिर पाला बदल कर बसपा में चले गए| श्रम मंत्री रहते कई आरोप लगे| मायावती ने टिकट काट दिया| नाराज सिंह बीजेपी में वापस चले गए, टिकट भी मिला लेकिन चुनाव हार गए हैं| लैकफेड घोटाले में दोषी पाए गए फिलहाल जेल में हैं| लैकफेड के अधिकारियों को अपने विभाग से काम देने का वादा किया और करोडो डकार गए| जब इन अधिकारियों ने अपना पैसा वापस माँगा तो उनपर शिकारी कुत्ते छोड़ दिए| बेचारे कई हफ़्तों तक अस्पताल में भर्ती रहे| सिंह साहब फिलहाल जेल में दिन काट रहे हैं नए साल में भी इनको राहत मिलती नज़र नहीं आ रही|

शशिभूषण लाल

ये नाम भी इस वर्ष काफी चर्चा में रहा| नई दिल्ली से लखनऊ आ रही ट्रेन के एसी कोच में बैठे आईएएस अधिकारी ने अपनी महिला सहयात्री से छेड़छाड़ शुरू कर दी, पहले तो उक्त महिला ने अधिकारी की हरकतों को नजरअंदाज किया, लेकिन जब आरोपी अधिकारी ने हदे पार करनी शुरू की तो महिला को छेड़छाड़ बर्दास्त नही हुई उसने इसका विरोध शुरू कर दिया |

ये महिला अपनी सास के साथ नई दिल्ली से अपने घर लखनऊ आ रही थी, उसी कोच में उक्त महिला की सीट के पास ही आरोपी अधिकारी की भी सीट आरक्षित थी | ट्रेन के नई दिल्ली स्टेशन से चलने के बाद ही शशिभूषण लाल ने पहले तो महिला से बातचीत शुरू की फिर उस महिला को छूने की भी कोशिश की महिला ने आरोपी अधिकारी का प्रतिरोध किया, साथ ही उसकी सास ने भी महिला का साथ दिया | छेड़छाड़ जब हद से ज्यादा बढ़ गई तब महिला ने साहस दिखाते हुए ट्रेन में चल रहे आरपीएफ स्क्वाड के जवानो को बुला लिया |

आरपीएफ जवानो के पहुचने के बाद जब जवानो ने उक्त अधिकारी को समझाने की कोशिश की तो शशिभूषण लाल उनसे ही उलझ पड़ा, और उन्हें अर्दब में लेने की कोशिश की जब उसने अपना परिचय दिया तो महिला, उसकी सास और सहयात्री भड़क गए उन्होंने आरपीएफ जवानो के ऊपर अधिकारी को हिरासत में लेने का दबाव बनाया जो काम कर गया आरपीएफ ने लखनऊ पहुचने तक अधिकारी को अपने कब्जे में रखा | लखनऊ पहुचने पर शशिभूषण लाल के ऊपर जीआरपी ने मुक़दमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया| आरोपी आईएएस के खिलाफ 294 , 359 के तहत छेड़छाड़ और शरीर को छुने का मुक़दमा दर्ज हुआ| फिलहाल वो निलंबित है|