पितौरा तक के विकलांगो नाम पर सलमान खुर्शीद के ट्रस्‍ट ने हड़पा लाखों का सरकारी अनुदान

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फर्रुखाबाद: देश के र्पूव राष्‍ट्रपति डा. जाकिर हुसैन के नाम पर बने सलमान खुर्शीद के पारिवारिक ट्रस्‍ट द्वारा गरीब विकलांगों के नाम पर लाखों रुपये के सरकारी अनुदान का घोटाला किये जाने का खुलासा हो गया है। पड़ोसी जनपदों के अलावा इस घोटाले के पैर सांसद सलमान खुर्शीद गृह जनपद फर्रुखाबाद व उनके निर्वाचन क्षेत्र के अलीगंज तक फैले हुए हैं। हद तो यह है कि उनके पैतृक गांव पितौरा के विकलांगों तक को नहीं बख्शा गया। राष्‍ट्रीय स्‍तर पर हुए इस खुलासे के बाद देश के कानून मंत्री के ट्रस्‍ट के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर सवाल उठने खड़े हो गये हैं।

देश के कानून मंत्री सलमान खुर्शीद व उनकी पत्‍नी लुइस खुर्शीद द्वारा संचालित जाकिर हुसैन ट्रस्‍ट अचानक सुर्खियों में आ गया है। परंतु इस बार यह बड़े पैमाने पर सरकारी अनुदान या ग्रांट के बंदर बांट आरोपों से घिरा नजर आ रहा है। कथित रुप से जाकिर हुसैन ट्रस्‍ट ने विकलांगों को ट्राइसाइकिलों के फर्जी वितरण के नाम पर लाखों रुपये का बंदरबांट कर डाला है। ट्रस्‍ट ने गरीब विकलांगों को ट्राइसाइकिलों के वितरण की फर्जी सूचियों पर लाखों रुपये का अनुदान प्राप्‍त किया। हद तो यह है कि जनपद एटा में हुई शिकायत पर की गयी जांच में न केवल सूची फर्जी पायी गयी, इस सूची पर दर्शाये गये सीएमओं के हस्‍ताक्षर भी फर्जी पाये गये। संबंधित जनपद के समाज कल्‍याण अधिकारी द्वारा इस आशय की स्‍पष्‍ट रिपोर्ट के बावजूद आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

एक न्‍यूज चैनल पर र्सावजनिक की गयी इस रिपोर्ट के अनुसार इस घोटाले के तार प्रदेश के दिल्ली से लेकर फर्रुखाबाद तक और लखनऊ से लेकर मैनपुरी तक तेरह  जनपदों तक फैले हुए हैं। देश के कानून मंत्री सलमान खुर्शीद का ट्रस्ट. जो उनके नाना और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर जाकिर हुसैन की याद में बना था, वो विकलांग कल्याण के नाम पर सरकारी ग्रांट हड़पने के लिए जालसाजी में लिप्त है। देश के महान राष्ट्रपति रहे ज़ाकिर हुसैन के नाम पर चलने वाला जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट, जिसका सरकारी दस्‍तावेजों में मुख्यालय पता 4, गुलमोहर एवेन्यू. जामिया नगर. नई दिल्ली 110025. दर्ज है। यही पता भारत सरकार के ताकतवर कैबिनेट मंत्री सलमान खुर्शीद का है। देश के कानून और न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद खुद जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद प्रोजेक्ट डायरेक्टर।

जांच रिपोर्ट बताती है कि सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट ने केवल जाली चिट्ठियां बनाई थी, जाली पद भी बना डाले थे। जब जिलों से जांच की रिपोर्ट आने लगी को सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट की कलई उतरने लगी। पता चला कि लाभार्थियों को मदद मिली या नहीं इसकी तस्दीक करने वाली सरकारी टेस्ट रिपोर्ट में जमकर कलाकारी की गई थी। इटावा से आई रिपोर्ट में सीएमओ के दस्तखत जाली निकले। बुलंदशहर से रिपोर्ट आई कि विकलांग कल्याण अधिकारी का दस्तखत भी फर्जी है और मुहर भी। और तो और बुलंदशहर में जिस चिकित्सा अधीक्षक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का ज़िक्र है वो वजूद में ही नहीं है। सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट ने शाहजहांपुर में फर्जी ब्लॉक ही बना डाला।

मजे की बात है कि जिन विकलांगों के नाम पर सरकारी अनुदान का घोटाला किया गया उनमें स्‍वयं सांसद  सलमान खुर्शीद के संसदीय क्षेत्र, उनके गृह जनपद व पैतृक गांव तक के लोग शामिल हैं। डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन ट्रस्ट के विकलांग कल्याण शिविरों में गड़बड़झाला है, इसकी भनक केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को मई 2011 में ही लग चुकी थी. लेकिन, सब कुछ जानते हुए भी किसी अधिकारी की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वो ट्रस्ट के खिलाफ कोई कार्रवाई कर पाता। अब इस खुलासे के बाद अब देश के कानून मंत्री के ट्रस्‍ट के विरुद्ध कानूनी र्कारवाई को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।