होली के राशन पर डाके की तैयारियां पूर्ण, गुजिया भी रही फीकी

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फर्रुखाबादः होली पर इस बार आम आदमी की गुजिया की मिठास की कौन कहे, पूरे राशन पर ही डाके का खाता तैयार है। राशन वितरण की तिथियां होली के दौरान रखे जाने से कोटेदारों की पौबारह हो गयी है। होली पर मिलने वाली शक्कर की अतिरिक्त आपूर्ति भी नदारद है।

आम आदमी के राशन पर वितरण प्रणाली से जुड़ा तंत्र और कोटेदार किस सफाई से डाका डालते हैं इसकी एक बानगी यहां पेश है। आगामी 7 मार्च को होलिका दहन होना है, इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी है, 6 मार्च को मतगणना की समाप्ति के बाद यदि प्रशासनिक अधिकारी जनपद में रुके भी तो उनके ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर कोटेदारों की दुकानों से राशन वितरण का पर्यवेक्षण व्यवहारिक रूप से असंभव है। मजे की बात है कि 7 मार्च को ही प्रशासन ने एपीएल गेहूं के वितरण की तिथि निर्धारित की है। जाहिर है कि पूरा राशन तो कोटेदार को हजम ही कर जाना है। रही बात बीपीएल व अंत्योदय कार्ड धारकों को मिलने वाले राशन की सो उसकी दास्तां भी कुछ खास अलग नहीं है।

बीपीएल राशन वितरण के लिए तहसील सदर में  5, 6 व 7 मार्च की तारीखें तय की गयी हैं। तीनो तिथियों में मतगणना व होली के चलते किसी प्रशासनिक अधिकारी के पर्यवेक्षण के लिए उपलब्ध होने की संभावना व्यवहारिक रूप से शून्य है। तहसील कायमगंज में बीपीएल व अंत्योदय राशन वितरण के लिए 10 व 11 मार्च की तारीखें तय की गयी हैं। स्पष्ट है कि 7 मार्च को होली के लिए घर जाने वाले अधिकारियों में से कोई भी द्वितीय शनिवार व रविवार को वापस जनपद मुख्यालय पर नहीं लौटेगा। तहसील अमृतपुर क्षेत्र के लिए 12 व 13 मार्च की तिथियां निर्धारित हैं। 12 मार्च अर्थात सोमवार को यदि कोई अधिकारी दोपहर बाद तक लौटा भी तो क्षेत्र में तो जाने से रहा।

परंतु विश्वास कीजिए कागज पर वितरण और उसके सत्यापन की कार्यवाही पूरी मिलेगी। कुछ कोटेदारों ने तो अधिकारियों के पलायन से पूर्व ही एडवांस में हस्ताक्षर कराने की भी जुगत लगा रखी है। राशन गया सो गया पर होली की गुजिया की मिठास तो शासन की मेहरवानी से ही अधूरी रह गयी। होली दीवाली आने वाली शक्कर की अतिरिक्त आपूर्ति के नाम पर इस बार गरीब को ठेंगा दिखा दिया गया। प्रति माह 700 ग्राम प्रति कार्ड मिलने वाली शक्कर की सामान्य आपूर्ति ही जनपद को प्राप्त हुई है।