बलिया:मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले सहायक विकास अधिकारी भानु प्रताप और लिपिक रवींद्र गुप्ता को निदेशक समाज कल्याण ने शुक्रवार को देर शाम निलंबित कर दिया। इसके पहले एक सहायक विकास अधिकारी पर गाज गिर चुकी है। अब तक गड़बड़ी करने वाले 15 आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने बताया कि मामले में कई ग्राम पंचायत अधिकारियों को भी चिन्हित किया गया है।विकासखंड मनियर में 25 जनवरी को आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में 568 कन्याओं का विवाह संपन्न कराया गया था। आयोजन के दिन से ही विवाहिताओं द्वारा दोबारा लाभ लेने के लिए फिर से सामूहिक विवाह समारोह में बैठने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने लगा। इसको लेकर सीडीओ ने पहले दिन जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांगजन अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी की तीन सदस्यीय समिति गठित की थी।जांच टीम मनियर ब्लाक के सुल्तानपुर,ककरघट्टा खास एवं मानिकपुर में आठ अपात्रों को पकड़ा था। इस मामले में सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण सहित नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। बाद में सीडीओ ने बीस जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम लगाकर प्रत्येक विवाहिताओं का सत्यापन कराया।जांच के दौरान बेरूआरबारी में 133 में 86,बांसडीह में 125 में 54,रेवत में 136 में 50 और मनियर ब्लाक में 174 में 85 विवाहित जोड़े अपात्र मिले हैं। अपात्रों से उपहार में दिए गए सामानों को मंगाकर ब्लाकों में रखवा दिया गया है। इस मामले में लगातार जांच जारी है। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बेरूआरबारी, बांसडीह, रेवती के प्रभारी सहायक विकास अधिकारी भानु प्रताप और लिपिक रवींद्र गुप्ता को निलंबित करने की संस्तुति की थी।