Monday, December 23, 2024
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खूंखार आतंकवादी को ढेर करनें में जिले के ‘आलोक’ को शौर्य चक्र

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) फर्रुखाबाद के भटपूरा कमालगंज के मूल निवासी हवलदार आलोक कुमार दुबे पुत्र संतोष दुबे ने खूंखारआतंकी को ढेर करनें में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से  शौर्य चक्र हासिल कर समूचे जिला व प्रदेश का नाम रोशन किया है। राष्ट्रपति ने वीर बहादुर को उनकी बहादुरी के लिए दिल्ली में आयोजित एक समारोह-1 में शौर्य चक्र से नवाजा। जिससे जाबांज आलोक के परिजनों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर है|
शहर कोतवाली के मसेनी चौराहे पर आवास बनाकर रह रहे हबलदार आलोक कुमार दुबे विगत30 जनवरी 2002 में राजपूत रेजीमेंट सेंटर फतेहगढ़ से भर्ती हुए थे| 22 जून 2019 को हवलदार आलोक दुबे की बहादुरी ने कई जिंदगियों को बचाया। 22 जून को खबर मिली कि आंतकियों ने जम्मू-कश्मीर के एक गांव के पास बागों में घुसपैठ की। हवलदार आलोक दुबे को वहां पर जिम्मेदारी सौंपी गई कि वो वहां जाकर आतंकियों की घेराबंदी करो। आलोक दुबे ने वीरता और चतुराई से ठीक वैसा ही किया। सुबह के 06 बजकर 45 मिनट हवलदार आलोक की नजर किसी संदिग्ध पर पड़ी और आगे थोड़ा घनी बस्ती में आवाजाही की आवाजें सुनाई दी। पांच मिनट बाद हवलदार आलोक ने आतंकवादियों का एक ग्रुप देखा जो कि सुरक्षाघेरा को तोड़ने की कोशिश कर रहा था। वहां पर बहुत सारा जंगल होने के कारण दूर तक नहीं दिख रहा था, आतंकियों ने इसका लाभ उठाया और सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड से हमला किया और अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हवलदार आलोक ने साहस दिखाते हुए आगे बढ़े आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया और एक आतंकी को मार भी गिराया। उस आतकंवादी की पहचान ए प्लस प्लस आतंकी के रूप में हुई|  जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियान में अदम्य साहस दिखाने वाले सेना के हबलदार और जनपद फर्रुखाबाद के लाल आलोक दुबे को सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  ने उनके सीने पर शौर्य चक्र लगाया तो हर किसी का सीना 56 इंच का हो गया| आलोक दुबे के परिवार में उनकी पत्नी पूजा दुबे दो बेटी और एक बेटा है| आलोक की पत्नी पूजा के पिता सुरेश चंद्र दुबे निवासी गुरऊ शादीनगर पखना मेरापुर में है| पूजा के भाई आदर्श दुबे नें भी उनको शुभकामनाएं दीं| आलोक की ससुराल में भी खुशी का माहौल है| जनपद में शौर्य चक्र सबसे पहले आलोक दुबे को मिला है| आलोक दुबे पांच भाई और दो बहनों में सबसे बड़े हैं| इसी अदम्य साहस के लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। हबलदार आलोक दुबे को शौर्य चक्र मिलने पर उसके परिजनों व गांववासियों में ही खुशी की लहर है। वहीं समूचे जिला फर्रुखाबाद के लोगों का सिर आलोक दुबे के अदम्य साहस से ऊंचा हुआ है।  जेएनआई न्यूज परिवार की तरफ से साहसी आलोक दुबे और उनके परिवार को मंगलकामनायें| 

 

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