फर्रुखाबाद: कमजोर मन, कुविचार, असंयम, तनाव बीमारियों का जन्मदाता है। 98 प्रतिशत बीमारियां कमजोर मन के कारण होती हैं। कमजोर मन, भय, चिंता, शंका, नकारात्मक विचार ही सारी समस्याओं को जन्म देती हैं। राजयोग के द्वारा मन को परमात्मा शिव के साथ जोड़ा जाता है जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो। यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउटआबू से आये भ्राता रामनाथ व नारायण जी ने पत्रकारों को बतायी। उन्होंने बताया कि 9 दिसम्बर रविवार को साढ़े 9 बजे भट्ठी कार्यक्रम रखा गया है।
ब्रह्मकुमारी आश्रम जयनरायन वर्मा रोड की केन्द्र संचालिका बीके सुमन के आमंत्रण पर आये धार्मिक प्रकोष्ठ के संयोजक भाई रामनाथ ने कहा कि मन, बुद्धि, आत्मा व कर्म सब एक दूसरे से जुड़े हैं। मन और बुद्धि जिस विचार पर एक मत हो जाते हैं वह विचार क्रियाशील होकर कर्म का रूप धारण कर लेता हे। जबकि आत्मा उसे इंगित करती है कि यह कुविचार है या सुविचार।
उन्होंने बताया कि देश विदेश में 9500 सेवा केन्द्र हैं जिसमें से 1800 सेवा केन्द्र विदेश में हैं। जिसमें राजयोग की शिक्षा देकर मानव जीवन को श्रेष्ठतम मूल्यों में परिपक्व किया जा रहा है। श्री नारायण ने बताया कि जीवन मूल्यों पर आधारित सकारात्मक जीवन जीने की कला है राजयोग। जिससे स्व में जाग्रति होगी। नकारात्मक चिंतन समाप्त होगा।
केन्द्र संचालिका बहन सुमन ने संस्था का परिचय दिया तथा आये हुए अतिथियों के प्रोग्राम से अवगत कराया। केन्द्र संचालिका बीके सुमन के अनुसार कार्यक्रम 6 से 11 दिसम्बर तक के रखे गये हैं। जिसमें मुख्य रूप से 9 दिसम्बर को राजयोग- भट्ठी कार्यक्रम रखा गया है। जिसमें सुबह 8ः20 बजे मुरली क्लास व जलपान के बाद साढ़े 9 बजे भट्ठी कार्यक्रम रखा गया है।