फर्रुखाबाद: मोहम्मदाबाद के संकिसा में स्थित भगवान बौद्ध के पवित्र स्तूप स्थल पर शरद पूर्णिमा के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर स्तूप की परिक्रमा के साथ बौद्ध के आदर्शों पर चलने की कसम उठाई। इस दौरान कहा गया कि पवित्र स्तूप के ऊपर चढ़ना पाप है। क्योंकि इसमें भगवान बुद्ध की अस्थियां रखीं हैं।
बौद्ध के हजारों की संख्या में उमड़े अनुयायियों ने सुबह तड़के ही धम्म यात्रा निकाली। यात्रा पैदल चलकर संकिसा स्थित बौद्ध बिहार से चलकर बौद्ध स्तूप तक पहुंची। जहां श्रद्धालुओं ने बौद्ध स्तूप की परिक्रमा के साथ उनके आदर्शों पर चलने का वीणा उठाया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा0 धम्म पाल ने कहा कि स्तूप पर चढ़ना पाप है। क्योंकि उस पर भगवान बौद्ध की अस्थियां रखीं हैं। जो भी स्तूप पर चढ़ेगा वह बिलकुल अनर्गल कृत्य करता है। उन्होंने कहा कि देश के महान राजा अशोक सम्राट ने 84 हजार बौद्ध स्तूप बनवाये थे। जिनमें से संकिसा का बौद्ध स्तूप एक है। इसकी प्रसिद्धि देश में ही नहीं वल्कि विदेशों में भी है।
इस दौरान कहा गया कि बौद्ध अनुयायियों को किसी भी विवाद में नहीं पड़ना चाहिए। विवाद में पड़े बिना ही वह अपना जीवन निर्वहन करें। ऐसा भगवान बौद्ध ने कहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ कर्मबीर सिंह शाक्य व डा0 मुंशीलाल ने किया। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के आला अधिकारी कार्यक्रम समाप्ति तक बौद्ध स्तूप के पास डटे रहे।