दलालों पर शिकंजा कसें एआरटीओ: विशेष सचिव परिवहन

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फर्रुखाबाद: एआरटीओ कार्यालय के बाहर वर्षों से दलालों के शिकंजे में बुरी तरह से फंसे कार्यालय व आम जनता को निजात मिलती नहीं दिख रही है। या तो दलाल कार्यालय कर्मचारियों की मिलीभगत से अपने धंधे में वर्षों से बढ़ोत्तरी कर रहे हैं या पुलिस विभाग सूचना के बाद भी उन्हें पकड़ना नहीं चाहता। कई बार प्रकाशित हुईं एआरटीओ कार्यालय में दलालों के हावी खबरों को संज्ञान में लेते हुए परिवहन विभाग के विशेष सचिव एस पी मिश्रा ने एआरटीओ पर आंख भौंहें टेड़ी करते हुए कहा कि कार्यालय के बाहर दलालों का अतिक्रमण बर्दास्त नहीं किया जायेगा।

विशेष सचिव परिवहन एस पी मिश्रा ने शनिवार को एआरटीओ कार्यालय का निरीक्षण किया। तत्पश्चात फतेहगढ़ स्थित रोडवेज कार्यालय में पहुंचकर बारीकी से जांच पड़ताल की। इस दौरान सचिव ने कहा कि परिवहन कार्यालय में कोई विशेष कमी नहीं पायी गयी और कुछ छोटी मोटी कमियां संज्ञान में आयी हैं उनको ठीक करने के निर्देश दे दिये गये हैं। सचिव ने एआरटीओ कयूब खां को दलालों का हावी होने की बात कही। जिस पर एआरटीओ ने अपना उल्टा फंडा सचिव पर फेंक दिया। एआरटीओ ने कहा कि यहां के दलाल दबंग किस्म के हैं। वह मेरा कोई भी आदेश मानने को तैयार नहीं हैं। पुलिस से शिकायत करने पर वह पुलिस आने से पहले ही फरार हो जाते हैं तथा हम लोगों को काफी परेशान भी करते हैं। जिस पर सचिव एसपी मिश्रा ने एआरटीओ को आश्वासन दिया कि शीघ्र ही दलालों की समस्या से निजात दिलाया जायेगा।

लेकिन दूसरी तरफ अगर एआरटीओ की कार्यप्रणाली पर नजर डालें तो जारी होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन इत्यादि 90 प्रतिशत दलालों के माध्यम से ही होते हैं। तब एआरटीओ का कानून कायदा कहां चला जाता है। दलाल एक मोटी रकम के रूप में एआरटीओ की जेब गरम करने के बाद धड़ल्ले से अपना बिस्तर लगाकर आम जनता की जेब काट लेते हैं और एक जमीनी हकीकत यह भी है कि एआरटीओ कार्यालय में कोई भी बाबू या कर्मचारी सीधे कोई भी काम जनता के हाथ से लेकर नहीं करना चाहता।