बिस्तर पर पत्नी ने काट लिया पति का गुप्तांग व नाक

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फर्रुखाबाद: भारत में महिला का दर्जा सर्वोर्च माना गया है। कहते हैं स्त्री देवी का रूप होती है वह कई रूपों में विद्यमान है जैसे सरस्वती व लक्ष्मी लेकिन जब वही काली और दुर्गा का रूप धार ले तो क्रूरता की हद पार कर जाती है।सावित्री जैसी पतिव्रता पत्नी अपने पति की मौत के बाद भी यमराज से प्राण वापस ले आ सकती है पर वही जब काली का रूप धर ले तो अपने पति के खून की प्यासी हो जाय। आज एक ऐसी घटना घटी। रात में साथ-साथ सो रहे पति पर अचानक पत्नी ने चाकुओं से हमला बोलकर पहले तो उसका गुप्तांग काट डाला। बाद में उसकी नाक भी काट डाली।

पड़ोसी जनपद कन्नौज के तालग्राम कसावा गढ़िया बेहटा निवासी 29 वर्षीय बृजेश पुत्र दीनदयाल बाथम की पत्नी उस समय उसकी खून की प्यासी बन गयी जब वह पत्नी के साथ सो रहा था। तभी उसकी पत्नी ने चाकुओं से हमला बोल दिया। बृजेश ने बताया कि वह गुड़गांव में एक रबड़ फैक्ट्री में काम करता है। वहीं उसकी पत्नी सुनीता अपने बच्चों सोनू व एक पुत्री के साथ रहती है। जो कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। जिसका इलाज गुड़गांव में ही चल रहा था। इलाज में काफी रुपये खर्च हो जाने के बावजूद भी जब सुनीता को कोई फायदा नहीं हुआ तब क्षेत्रीय लोगों ने सुनीता के ऊपर भूत इत्यादि का चक्कर बताकर किसी ओझा को दिखाने की बात कही। लोगों की राय मानकर बृजेश ने ओझा को तलाशना शुरू किया। काफी खोजवीन करने के बाद बृजेश को पता चला कि फतेहगढ़ क्षेत्र के तिर्वा कोठी में रह रही उसकी मौसी गुड्डी पत्नी श्रीकृष्ण के मोहल्ले में एक महिला तांत्रिक इस तरह के मरीजों का इलाज करती है और उसने कई मरीज ठीक किये। जानकारी होने पर बीती रात बृजेश अपनी पत्नी सुनीता को लेकर तिर्वा कोठी पहुंच गया और रात में अपने मौसा के यहां रुकने की योजना बनायी। घर पर सभी लोग खापीकर तकरीबन 11 बजे सो गये। बृजेश व उसकी पत्नी एक कमरे में सो रहे थे। सुबह तकरीबन चार बजे पूरा परिवार नींद के आगोस में था तभी सुनीता किसी हार्रर फिल्म की हीरोइन की भांति उठी और हाथ में चाकू लेकर बृजेश पर हमला बोल दिया। पहला हमला बृजेश के गुप्तांग पर किया। जिससे बृजेश का गुप्तांग कट गया। जब तक बृजेश कुछ समझ पाता दूसरा प्रहार सुनीता ने उसकी नाक पर कर दिया। चाकू लगने से बृजेश की चीख निकल गयी तो उसके मौसा के परिजन भी जाग गये।

खून से लथपथ बृजेश और हाथ में चाकू लिए सुनीता को देखकर परिजनों में हड़कंप मच गया और वह लोग घर छोड़कर भाग खड़े हुए। मौका देखकर सुनीता ने तीसरा हमला बृजेश के सीने पर किया। किसी तरह से बृजेश के पिता दीनदयाल बाथम ने सुनीता को पकड़कर रस्सी में बंधवाया। घटना की जानकारी सुनीता के पिता महेशचन्द्र को फोन पर दी। सुनीता के मायके पक्ष के लोग सुबह होते होते तिर्वाकोठी पहुंच गये और सुनीता को अपने साथ मायके ले गये। इधर घायल बृजेश को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। बृजेश ने बताया कि उसका विवाह 6 वर्ष पहले सौरिख से महेशचन्द्र की पुत्री से हुआ था। शादी के कुछ समय बाद से ही पत्नी बीमार चल रही थी।