शिवपाल यादव का सनसनीखेज बयान, ‘चोरी करो, लेकिन डकैती नहीं’

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उत्‍तर प्रदेश के मुलायम परिवार की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक ओर, जहां दिल्‍ली पुलिस भूषण सीडी केस में सपा सुप्रीमो मुलाय‍म सिंह यादव का वॉयस सैंपल लेने की तैयारी कर रही है तो दूसरी ओर, उनके भाई और सूबे के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने अपने एक विवादित बयान से पूरी अखिलेश सरकार को मुसीबत में डाल दिया है।

एटा में एक बैठक के दौरान यादव ने अधिकारियों को चोरी करने तक की सलाह दे डाली। मंत्री जी के इस बयान के बाद अधिकारी हक्के-बक्के रह गए। शिवपाल सिंह यादव ने अपने विभाग के अफसरों से कहा कि यदि मेहनत करोगो तो चोरी कर सकते हो, लेकिन डकैती मत करना। शिवपाल सिंह यादव ने आगे भी बोलना जारी रखा लेकिन जैसे ही उनकी नजर  मीडिया के कैमरे पर पड़ी, उन्‍होंने तुरंत इसे बंद करा दिया।

वहीं, दूसरी ओर, शांति भूषण सीडी केस में मुलायम सिंह यादव से पूछताछ की तैयारी के साथ वॉयस सैंपल रिकॉर्ड करने की तैयारी में जुटी है।

इस विवादित सीडी में अमर सिंह के जरिए शांतिभूषण को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से सुप्रीम कोर्ट के किसी जज को मनाने के लिए चार करोड़ रूपये देने की बात कही गई है। यदि वॉयस सैंपल सीडी की आवाज से मिल जाता है तो तीनों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। सीडी के सामने आने के बाद शांति भूषण ने दिल्ली पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें सीडी फर्जी होने की बात कही गई थी।

अखिलेश के बड़बोले मंत्री

अखिलेश सरकार के कई मंत्री अपने विवादित बयान के लिए काफी चर्चित हैं। कुछ दिनों पहले शिवपाल सिंह यादव ने ही मैनपुरी में अपने भाषण के दौरान एक अजीबोगरीब बयान दिया था। शिवपाल ने कहा था कि वो गाय को बचाएं और इसके बदले नीलगायों को मारें व उनका कवाब खाएं। शिवपाल यहां भी नहीं रूके। उन्‍हें कहा था, ‘गायों की हत्या न करें, वो नीलगाय से कम हैं… नीलगाय को कोई भी मार सकता है। कबाब के रूप मे उनका स्वाद अच्छा होता है।’

शिवपाल की तरह उत्तरप्रदेश के कबीना मंत्री आजम खान भी काफी बड़बोले  हैं। उन्‍होंने कुछ दिनों पहले यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि प्रदेश के रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय सम्बन्धी विधेयक को तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेश्वर ने जानबूझकर लटकाए रखा और उस पर दस्तखत नहीं किए। अगर कोई जम्हूरियत और कानून का मुल्क होता तो राज्यपाल को दिल्ली के लाल किले पर ले जाकर झंडा फहराने वाली जगह पर फांसी दे दी जाती।