घास की रोटियां खाने वाले महाराणा प्रताप ने समाज को दी नई दिशा

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फर्रुखाबाद: महाराणा प्रताप की जयंती पर आज अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उनके आदर्शों और सिद्धान्तों पर प्रकाश डाला। कार्यकर्ताओं ने कहा कि महाराणा प्रताप ने खुद घास की रोटियां खाकर समाज को एक नई दिशा दी है।

कर्नल के बी सिंह के आवास पर आज महाराणा प्रताप की जयंती समारोह का आयोजन किया गया। जहां पर महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व व आदर्शों पर चलने की बात कही। बैठक में कैप्टन डी ए राठौर ने कहा कि क्षत्रिय समाज के लोगों को राणाप्रताप से सीख लेनी चाहिए। जिन्होंने घास की रोटियां खाकर समाज को एक नई दिशा दी। महाराणा प्रताप की पत्नी ने उन्हें प्रेरित कर युद्ध में भेजने का काम किया। क्षत्रियों के गौरव होने के साथ इतिहास के पन्नों में उनका नाम अमर रहेगा।

बैठक के बाद अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के सभी कार्यकर्ता बद्री विशाल डिग्री कालेज पहुंचे जहां महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण कर नारे लगाये गये।  इस दौरान चर्चा में कहा गया कि महाराणा प्रताप 1540 में सूर्य वंश सिसोदिया कुल में उदयपुर के उदयसिंह के घर पैदा हुए थे व मेबाड़ के राजा बने। इनकी माता का नाम जयंतीदेवी था।

इस दौरान अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष कर्नल के बी सिंह, सुमन राठौर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री  कैप्टन डी एस राठौर, सुमन राठौर, रमला राठौर, सत्येन्द्र सिंह सोमवंशी, संजीव राठौर, ब्लाक अध्यक्ष राजेपुर विजय प्रताप सिंह सोमवंशी आदि मौजूद रहे।