संदिग्ध परिस्थितियों में सेन्ट्रल जेल की वाच-टावर से गिरकर होमगार्ड घायल

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फर्रुखाबाद :  केन्द्रीय  कारागार फतेहगढ़ में ड्यूटी दे रहे होमगार्ड गुलनगरा निवासी नेकसे खां अचानक दोपहर को कई फीट ऊंचे वाच टावर से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल होमगार्ड को बेहोशी की हालत में लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नेकसे खां सुबह 8 बजे से चार बजे तक ड्यूटी देने सेन्ट्रल जेल के टावर नम्बर तीन पर गया। उसके साथ में एक अन्य होमगार्ड दिनेश पाल की भी ड्यूटी थी लेकिन दिनेश पाल ड्यूटी देने नहीं पहुंचा। दोपहर में तकरीबन 12 बजे के आस पास नेकसे खां अचानक टावर से नीचे सीढ़ियों पर जा गिरा। उस दौरान टावर पर उसके अलावा और कोई नहीं था।
टावर से नीचे गिरने पर नेकसे कुछ समय बेहोशी हालत में टावर के अंदर पड़ा रहा। जब होश आया तो खुद उठकर ऊपर टावर पर पहुंचा। तभी अचानक जेल की बाउंड्री बाल पर डन्डा ड्यूटी पर तैनात सिपाही कृष्ण कुमार निकला तो नेकसे खां ने उसको घटना के बारे में जानकारी दी। कृष्ण कुमार ने जानकारी तत्काल जेल के उच्चाधिकारियों को दी। मौके पर जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला पहुंचे और होमगार्ड नेकसे खां को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया।

केन्द्रीय कारागार अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि होमगार्ड नेकसे खां को अचानक नींद आ जाने के कारण गिर गया है। फिलहाल घटना की छानवीन की जा रही है। अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। होमगार्ड जिला कमांडर राजकिशोर सिंह भी लोहिया अस्पताल पहुंचे।

 

घायल होमगार्ड बोला टावर पर कोई था

केन्द्रीय कारागार टावर नम्बर तीन से संदिग्ध परिस्थतियों में गिरे होमगार्ड ने बेहोशी हालत में बताया कि टावर पर अचानक हमें किसी के होने का अहसास हुआ। जब तक मैं कुछ समझ पाता तब तक मैं नीचे गिरकर बेहोश हो गया। घायल होमगार्ड की इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि होमगार्ड को धोखे से किसी ने टावर पर चढ़कर धक्का मारकर गिरा दिया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घायल होमगार्ड नेकसे खां व उसके साथ ड्यूटी पर तैनात अन्य होमगार्ड दिनेश पाल के बीच में आपसी विवाद हो गया था। जिसकी बजह से दोनो होमगार्डों में आपस में नहीं पट रही थी। जिस कारण दिनेश पाल ड्यूटी पर नहीं आया था।

डेढ़ घंटे तक लहूलुहान पड़ा रहा होमगार्ड

टावर से गिरकर होमगार्ड नेकसे खां टावर से गिरने के बाद तकरीबन डेढ़ घंटे तक टावर के नीचे लहूलुहान अवस्था में पड़ा रहा। काफी देर के बाद जेल के अन्य बंदी रक्षक व अधिकारीगण मौके पर पहुंचे। तब जाकर होमगार्ड को लोहिया अस्पताल भेजा गया। जेल प्रशासन अभी मुख्य बात पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है।