उत्तार प्रदेश में हार की समीक्षा के दौरान सलमान ने दी मुस्लिम-आरक्षण के बयान पर सफाई

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यूपी में काग्रेस के चारों खाने चित्ता होने की कीमत संगठन के वरिष्ठ नेताओं और राज्य कोटे के केंद्रीय मंत्रियों को चुकानी पड़ेगी। नतीजों की समीक्षा बैठक के दूसरे दिन राहुल गाधी ने नतीजों की जवाबदेही तय करने के लिए सासदों और मंत्रियों से ही हामी भरवा ली। इस कड़ी में उत्तार प्रदेश संगठन भंग कर नई टीम खड़े करने के संकेत भी दिए। मुस्लिम आरक्षण पर बयानबाजी में फंसे सलमान खुर्शीद ने राहुल के सामने अपनी व श्रीप्रकाश जायसवाल के राष्ट्रपति शासन संबंधी बयान की भी सफाई दी।

दो दिन तक चली समीक्षा बैठक में काग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से लेकर केंद्रीय मंत्रियों की बयानबाजी और आपसी कलह और इन सबसे ऊपर लचर संगठन के असहयोग का मुद्दा ही तारी रहा। गुरुवार को 150 से ज्यादा हारे प्रत्याशियों और शुक्रवार को 28 विधायकों और पूर्व सासदों से बातचीत के बाद आखिर में राहुल ने यूपी कोटे के मंत्रियों और सासदों से चर्चा की। बटला और मुस्लिम आरक्षण पर बयानबाजी में फंसे सलमान खुर्शीद ने अपनी बात तो राहुल के सामने रखी ही। श्रीप्रकाश जायसवाल के राष्ट्रपति शासन संबंधी बयान से भी नुकसान न होने की वकालत की। जायसवाल ने भी बिना कुछ पूछे अपनी बात रखी तो राहुल ने भी कहा, सिर्फ बयान हार की वजह नहीं हैं, मैं समझता हूं।

बैठक में सबसे अलग-थलग इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा रहे। उन्होंने कुछ भी बोलने तक से मना कर दिया। अलबत्ता, पीएल पूनिया ने बेनी का नाम लिए बगैर उन पर खूब हमला बोला। पूनिया ने कहा, उनके क्षेत्र में चुनाव खराब के तहत बयान दिए गए। सब सुनने के बाद राहुल ने कहा, अगर कोई मंत्री सोचता है कि वो गलती करते रहें और कोई कार्रवाई नहीं होगी तो ये नहीं होगा। बाहरियों को टिकट का मुद्दा भी उठा, जिस पर राहुल का कहना था, कहा गलती हुई, वह समझते हैं। मगर बाहर से आए लोगों को वोट भी मिले हैं। अब संगठन और केंद्रीय मंत्रियों पर कार्रवाई पर हामी भरवाने के बाद राहुल के अगले कदम पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।