डब्बा मियां के उर्स में उमडा अकीदत का सैलाव

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कायमगंज  (फर्रुखाबाद) : भारत में कायमगंज क्षेत्र हिन्दू मुस्लिम सौहार्द के लिये अपनी विशेश पहचान रखता है। यह छवि और पहचान नतीजा है उन सूफी फखीरों और संतों की उस तालीम और तरबियत का जिसमें लोगों को बताया गया कि सब का मालिक और पालने वाला एक है। वह अपने बन्दों से बिना किसी भेद भाव के अपार प्यार करता है। इसलिये सब इंसानों को आपस में मिल जुल कर प्यार और मोहब्बत तथा एक दूसरे की मदद करते हुये जीना चाहिये ।

इस तालीम के असरात आज भी हमारी गंगाजमुनी सभ्यता में नजर आते हैं। जिन महान आत्माओं ने इस क्षेत्र में तसौवुफ की अलख जगाई उनमें एक नाम अपने समय के सिद्ध फकीर और बुजुर्ग हजरत डब्बा शाह मियां का भी है। जिन का असली नाम फतेह मुहम्मद खां था। जिन्होनें अपनी इबादत और रियाजत से वह मुकाम हासिल कर लिया था  कि लोग आपकी जिन्दगी में आपके पास अपनी परेशानियों  और मुरादो के लिये आते और आप से दुआं की दरख्वास्त करते। आप उनके लिये अल्लाह से दुआ फरमाते, अल्लाह आपकी दुआं के तुफैल में हाजतमंदों की मुरादे पूरी फरमाता ।

आज भी लोग आपके मजारे शरीफ पर आकर अल्लाह से अपनी मुरादे मांगते है। और अल्लाह उनकी मुरादे पूरी फरमाता है। आप के अकीदत मंद हर साल आप की याद में उर्सए मुबारक का एहतमाम करते है। इस साल आप के सालाना उर्स के मौके पर 25 मार्च को महफिल-ए-मीलाद की मजलिस हुई जिसमें बारगाहे रिसालत मआब में दरूदो सलाम के नजराने पेश किये गये 26मार्च की शाम को गागर शरिफ उठाई गई और गागर शरीफ के बाद महफिले कब्वाली सजायी गयी जिसमें कब्बालो ने मारफत का सूफियाना कलाम पेश किया। इस मौके पर लोगों ने दिल खोल कर नजराने पेश किये पूरी रात कब्वाली का कार्यक्रम चलता रहा। लोगों ने फर्रूखाबाद की मुन्ना कब्वाल पार्टी और कानपुर की कब्बाल पार्टी का कलाम काफी पसंद किया और बार बार सुनने की फरमाइश की 27 की सुबह कुल की फाताह के साथ तक्सीमें तवर्रूक किया गया और उर्स का रूहानी प्रोग्राम पूरा हुआ।

कुल की फातहा के बाद सज्जादा नशीन यासीन खां ने मुल्क में अमन शान्ति खुशहाली तरक्की, आपसी भाई चारे और सब के सुख व सदाचार की दुआ की ।उर्स की तकरीबात के आयोजन में गुड्डू खां ,नजम खां, माबूद खां ,आफताब खां का विशेष योगदान रहा।