जुड़ते- टूटते रहे फर्रुखाबाद के सैफई से रिश्ते

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 फर्रुखाबाद: यूँ  तो फर्रुखाबाद सपा का गढ़ रहा है। सपा के संस्थापक कोषाध्यक्ष छोटे सिंह यादव फर्रुखाबाद के ही बड़े समाजवादी नेता रहे। यह अलग बात है कि बसपा के पिछले शासन में पहले बसपाई और फिर कांग्रेसी हो गए। सपा प्रमुख के परिवार के फर्रुखाबाद से दो बार पारिवारिक रिश्ते बने और टूट गए। वैसे भी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की फर्रुखाबाद पर ख़ास मेहरबानी रही।

पहले सपा के राष्ट्रिय महासचिव राम गोपाल यादव के पुत्र के शादी फर्रुखाबाद के नदौरा निवासी सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष दलगंजन सिंह यादव के भतीजे के साथ हुई थी। लेकिन बाद में यह सम्बन्ध ख़त्म हो गया। इसके बाद 2007 में राजेंद्र नगर में मुलायम सिंह यादव अपने सांसद भतीजे धर्मेन्द्र सिंह यादव की बरात लेकर आये। धर्मेन्द्र की शादी विधायक नरेन्द्र सिंह यादव की पुत्री मोनिका के साथ हुई थी। लेकिन यह रिश्तेदारी भी लम्बी नहीं चल पायी।

पिछले दिनों गुटबाजी से संगठन में आई कमी से नेता जी नाराज भी रहे। लेकिन 14 फरवरी को आवास विकास के मैदान पर सपाइयों का हुजूम देखकर नेता जी ने कहा था कि फर्रुखाबाद में पार्टी अब मजबूत हो गयी है। उन्होंने पिछले दिनों संगठन के कमजोर होने का भी जिक्र किया था। मुलायम की अपेक्षा के अनुसार सपाइयों ने चार में से तीन सीटें जीतकर नेता जी की गोद में डाल दी हैं। अब नेता जी को फर्रुखाबाद के सपाइयों को ईनाम देना है। नरेन्द्र सिंह यादव की गिनती प्रदेश के वरिष्ठ विधायकों में है। जमालुद्दीन सिद्दीकी भी वरिष्ठ विधायक हैं।

हालाँकि पिछले दिनों को याद करें तो सपा की प्रदेश कमेटी में भी कोई पदाधिकारी नहीं बनाया गया। सपा के पिछले शासन  में नरेन्द्र सिंह यादव को काफी बाद में एक निगम से जोड़कर लाल बत्ती दी गयी थी। छोटे सिंह यादव को भी लाल बत्ती मिल गयी थी। फर्रुखाबाद डा. राम मनोहर लोहिया की कर्म भूमि है। यह रिश्ता ही किसी से कम नहीं है। ‘नेता जी’ ने सदैव फर्रुखाबाद को सम्मान दिया है। देखना है कि इस बार जिले में कितनी लाल बत्ती मिल पाती हैं।