आरोप: खुद को सपाई साबित करने के लिए दरोगा जी ने दलित औरतो को पीट दिया

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फर्रुखाबाद: ताजा ताजा सपा की सरकार बनने वाली है| सपाइयों के हौसले बुलंद हो चुके है ये तो दिखाई पड़ने लगा है| मगर बसपा की सरकार में मलाई मार चुके दरोगा अब खुद को सपाई साबित करने कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते| सपाई दिखे तो नयी सरकार में भी थाने चौकी मिलती रहेगी वर्ना माल रहित तैनाती तय समझो| मगर इस काम के लिए दलित औरतो को पीट कर सजा देना न केवल गैर कानूनी है बल्कि बेहद ही शर्मनाक भी| दरोगाजी अदालत का काम भी निपटा देते है|

जनता की सेवा के लिए मिली वर्दी पहन दरोगाजी न इलाका देखते है न हालात| बात कानून व्यवस्था को कायम रखने के बहाने की हो तो दरोगा कोई भी हद पार कर सकता है| फिर चाहे औरतो को गन्दी गन्दी गाली देने का मामला हो या उन पर लाठी बजाने का| दरोगा जी अक्सर अदालत के काम भी कर बैठते हैं| वैसे कोई लाश पड़ी हो तो दो थाने की पुलिस फीता लेकर इंच और फुट नापती फिरती है कि कहीं लाश उसके हल्के में न निकल आये| मगर कहीं जुगाड़ दिखाई पड़ जाए तो ये दरोगाजी कुछ भी कहीं भी कर सकते है| ताज़ी ताज़ी बसपा की सरकार गयी है खुद को सपाई साबित करने के लिए रायपुर चौकी में तैनात दरोगा तुषार दत्त त्यागी ने दलितों और उनकी लड़कियों को भी पीट दिया| हालाँकि फोन पर दरोगाजी ने बताया कि हल्का उनका है| 2 मीटर की दूरी के बाद आईटीआई चौकी का इलाका लगता है| मगर पीडितो का कहना है कि उनके इलाके में हमेशा आई-टी-आई चौकी की पुलिस ही आती है| खबर है कि आई-टी-आई चौकी इंचार्ज अनूप तिवारी छुट्टी पर है मगर उन्होंने फोन पर बताया कि जिस जगह तुषार दरोगा गया था वो उनके हल्के में आता है| तुषार ने बताया कि उन्होंने कोई पिटाई नहीं की बल्कि औरते आपस में भिड गयी थी उसकी चोट लगी है|

सतेन्द्र की पुत्री राधा ने जेएनआई को बताया कि बात शुक्रवार 9 मार्च 2012 की है जब आईटीआई चौकी अंतर्गत नगला खैरबंद रेलवे क्रासिंग के पास जुएँ का फड़ चल रहा था| जुआ खेलने के दौरान पैसे के लेन देन को लेकर दो पक्षों ब्रजेश पुत्र सुखीराम और अखिलेश पुत्र सोनेलाल “बाबाजी” में मारपीट शुरू हो गयी| मारपीट के दौरान अखिलेश के अन्य भाई अमरपाल रामपाल और रक्षपाल भी आ गए और जमकर मारपीट हुई| बीच बचाव करने पहुचे सतेन्द्र पुत्र रघुनाथ प्रसाद निवासी नगला खैरबंद पंहुचा तो वो भी पिट गया| इसी दौरान किसी ने दरोगा तुषार दत्त त्यागी को फोन पर सूचना दे दी| दरोगा जी सादा वर्दी में अपने दो सिपहिओ के साथ पहुचे और दोनों जुआरियो ब्रजेश कुमार और अखिलेश पुत्र सोनेलाल को पकड़ लिया और जमकर पिटाई शुरू कर दी| इसी दौरान जुआरियो के घर से उनकी महिलाए बीच बचाव करने पहुची| बीच बचाव करने पहुची ब्रजेश की पत्नी मंजू, सतेन्द्र की पत्नी निर्मला, सतेन्द्र की पुत्री राधा और सतेन्द्र के भाई अजय की पुत्री लाली पुलिस के हत्थे चढ़ गयी तो सिपहिओ और दरोगा जी ने जमकर लाठिया दिया| पुलिस से मारपीट में दलित औरते और उनकी बेटिया घायल हो गयी| दरोगा तुषार दत्त दोनों पक्षों ब्रजेश, अखिलेश और बीच बचाव करने वाले सतेन्द्र को पकड़ कर रायपुर चौकी पर ले गए है| शाम 7 बजे खबर लिखे जाने तक दरोगा ने फोन पर जेएनआई को बताया कि तीन लोगो को वो पकड़ कर लाये है| लिखापढ़ी नहीं की है| उन्होंने बताया कि दोनों पार्टियो से बातचीत चल रही है| ये बातचीत क्या है ये तो …………|