कुशवाहा के खिलाफ लोकायुक्त ने की CBI जांच की सिफारिश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की मुश्किलें आज उस वक्त और बढ़ गईं जब राज्य के लोकायुक्त ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति तथा काले धन को सफेद करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय से जांच की सिफारिश की।

पूर्व न्यायमूर्ति लोकायुक्त एन.के. मेहरोत्रा ने राज्य के ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के खिलाफ भी जमीन के हेरफेर मामले में जांच शुरू कर दी है और उन्हें आगामी नौ फरवरी तक जवाब देने को कहा है। लोकायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को कार्रवाई के लिये भेज दी है।

परिवार कल्याण विभाग के दो मुख्य चिकित्सा अधिकारी की हत्या के बाद मंत्रिमंडल से निकाले गये बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ अपनी रिपोर्ट में लोकायुक्त ने कहा है कि उनके आय से अधिक संपत्ति मामले में पर्यात सबूत मिले हैं लिहाजा इसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। इसके अलावा काले धन को सफेद करने के मामले में भी प्रवर्तन निदेशालय को जांच करनी चाहिए।

लोकायुक्त कुशवाहा के खिलाफ मंत्री पद के दुरुपयोग और फर्जी नाम से संपत्ति बनाने के मामले की जांच कर रहे थे। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में कुशवाहा आरोपी हैं। कुशवाहा के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के दूसरे दिन ही पिछले चार जनवरी को उनके आवास पर सीबीआई ने छापा मारा था और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे।

कुशवाहा के खिलाफ एक हजार पेज की अलग अलग शिकायतें दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ राम चरण कुशवाहा तथा अन्य नाम से संपत्ति की खरीद की शिकायत थी। इसके अलावा खनन मंत्री के अपने कार्यकाल में कुशवाहा पर बांदा, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर जिले में अपने सम्बंधियों को खनन का ठेका दिलाने व श्रीनाथ प्रॉपर्टीज और भागवत प्रसाद कुशवाहा शिक्षण कल्याण संस्थान में अपनी काली कमाई लगाने का आरोप है।

लोकायुक्त ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सचिव किरीट सोमैया की शिकायत पर नोयडा जमीन घोटाले में भी मामला दर्ज किया है और नोयडा विकास प्राधिकरण के मुख्य अधिशासी अधिकारी से दस दिन में जवाब देने को कहा है।

राज्य के ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के खिलाफ मुकदमें में लोकायुक्त कार्यालय ने कहा कि मंत्री और उनके परिवार वालों ने गैर कानूनी तरीके से सरकारी जमीन को अपने नाम कराया। अश्विनी कुमार शर्मा नामक व्यक्ति ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

लोकायुक्त एन.के. मेहरोत्रा ने राज्य के लोक निर्माण मंत्री द्वारा वाहनों के दुरुपयोग मामले का भी संज्ञान लिया है और चार जिलों के परिवहन कार्यालय से आगामी 10 फरवरी तक पूरी रिपोर्ट देने को कहा है।