चुनावी चक्कलस- विधायक निधि के कमीशन का हिस्सा माग रहा वोटर

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5 वोट के बदले 1000 रुपये माग दिए वोटर ने-

विधान सभा चुनाव में प्रचार से लौटे एक नेता के समर्थक ने अपना दुखड़ा रोया- वोटर बहुत #### हो गया है, हमने पूछा क्यूँ ऐसा क्या हो गया नेताजी| कई दमदार गालिओं के साथ बोले फलां गाँव में वोटर इशारे करता है घर में पाच वोट है कुछ खर्चा तो दे दो| 100 रुपये का नोट दिया तो उसकी समझ में नहीं आया| इसी बीच आवाज आई कम से कम 1000 रुपये तो दो| तभी एक ###### ने आवाज लगायी- विधायक निधि बेच कर जो 1 करोड़ का कमीशन खाया है उसमे से कुछ तो दे जाओ|

असली ठाकुर, नकली ठाकुर-

पांच साल तक जनता से दूर रहने वाले नेता चुनाव मैदान में विधायक बनने के लिए कूद पड़े हैं| एक डायरी और मोबाइल फ़ोन के सिवा अपनी गाडी में कुछ नहीं रखते| डायरी भी ऐसी वैसी नहीं ये जाति तंत्र की डायरी है| इसमें गाँव गाँव की आबादी का हिसाब रहता है| डायरी में इंडेक्स भी बना है| इंडेक्स जानते है किस बात का है- अहीर, गडरिया, धानुक, तेली, पंडित, जाटव, लोधी, ठाकुर(असली), ठाकुर (नकली)…..| हर जाति के अलग लग पेज है| किसान जाति के इन नेताजी को ये भी मालूम है कौन असली ठाकुर है और कौन नकली…| विकास गया तेल लेने|

वोटर के पैर छूने के लिए नेताजी ने सहायक रखा-

पांच साल तक ऐठ के चलने वाले नेताजी को चुनावी प्रचार के 20 दिनों में ही कमर में दर्द होने लगा है| कभी अपने बाप के भी पाँव न छूने वाले इनदिनों सुबह से शाम छोटे बड़े सबके पैर छूते छूते साइटिका से पीड़ित हो गए है| चुनाव से लौटकर आवास विकास में एक विशेषज्ञ डॉक्टर के यहाँ जाँच कराने पहुचे तो डॉक्टर ने उन्हें न झुकने की सलाह लिखित दे डाली| बेचारे नेताजी क्या करते, अगले दिन से पैर छूने के लिए सहायक रख लिया|

अपना पेट्रोल पम्प दे जाओ-

राशन देंगे, कार्ड देंगे और देंगे लाइट,
नेताजी मांगे वोट, पहन के कपडे व्हाईट|
वोटर तर्राया, सख्त लहजे में आया,
वाह रे नेताजी, तुमने पिछली पांच साल में खूब कमाया|
मोटर कार
घर परिवार
कपडे जूता टाई
पेट्रोल पम्प हाई फाई
और नौबत जब फिर चुनाव की आई
तुम्हे याद हमारी आई
राशन, कार्ड, लाइट तुम ले जाओ
अपना पेट्रोल पम्प हमें दे जाओ||